वर्ष 2018 से अबतक दुमका में दिया गया 18वां एडोप्सन
BHARATTV.NEWS,दुमका। झारखण्ड के सराकेला-खरसावां जिले में रहनेवाले और जमशेदपुर के एक बैंक के अधिकारी और उनकी पत्नी की सुनी गोद मंगलवार को भर गयी। तीन साल का बालक प्रियांश (काल्पनिक नाम) को अपने गोद में लेकर यह दंपत्ति बेहद खुश है। शादी के आठ सालों बाद भी यह दंपत्ति संतान सुख से वंचित था। 2019 में इस दंपत्ति ने बच्चे को गोद लेने का फैसला किया और कारा के वेबसाइट पर अपना निबंधन करवाया। चार सालों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार दोनों माता-पिता बन गये। श्री अमड़ा में संचालित दत्तक ग्रहण संस्थान (एसएए) में मंगलवार को बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र, एसएए के प्रभारी तारिक अनवर, सामाजिक कार्यकर्ता वहीदा खातून ने इस दंपत्ति के गोद में बच्चे को सौंप दिया। अनाथ हो चुके इस बच्चे को उसके मामा ने सरेंडर कर दिया था। किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत सारी प्रक्रियाएं पूरी करने और 60 दिनों के रिकंस्डिरेशन अवधि के पूरा होने के बाद इस बच्चे को बाल कल्याण समिति दुमका के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के द्वारा 10.07.23 को एडोप्सन के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित कर दिया था। अभी उन्हें यह बच्चा प्री एडोप्सन फोस्टर केयर में दिया गया है और डीएम/एसएए के आदेशों का अक्षरशः पालन करने का निर्देश दिया गया है। गोद देने की प्रक्रिया के साथ ही नये नाम के साथ इस बच्चे का पुर्नजन्म हो गया है। उसे गोद लेनेवाले माता पिता से उसे वे सभी कानूनी अधिकार मिलेंगे जैसे किसी बच्चे को उसके जैविक माता-पिता से मिलते हैं। 2018 से अबतक दुमका से दिया गया यह 18वां एडोप्सन है।














