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भारतीय वायु सेना से किसी भी आकस्मिक स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने की अपील

भारतीय वायु सेना कमांडर सम्मेलन – जुलाई, 2020

The Union Minister for Defence, Shri Rajnath Singh and the Chief of the Air Staff, Air Chief Marshal R.K.S. Bhadauria with the Senior Officials of Ministry of Defence and the Commanders of Indian Air Force on the inaugural day of Air Force Commanders’ Conference, in New Delhi on July 22, 2020.

BHARATTV.NEWS,NEWS DELHI:भारतीय वायु सेना कमांडर सम्मेलन (एएफसीसी) का उद्घाटन माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 22 जुलाई 2020 को वायु सेना मुख्यालय (वायु भवन) में हुआ। वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने माननीय रक्षा मंत्री एवं रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का स्वागत किया।

भारतीय वायु सेना कमांडरों को अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने पिछले कुछ महीनों के दौरान अपनी परिचालनगत क्षमताओं को सुदृढ़ बनाने में भारतीय वायु सेना द्वारा प्रदर्शित सक्रिय प्रतिक्रिया की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने जिस पेशेवर तरीके से बालाकोट में हवाई हमलों तथा पूर्वी लद्दाख में व्याप्त स्थिति की प्रतिक्रया में अग्रवर्ती स्थानों पर भारतीय वायु सेना परिसंपत्तियां की त्वरित तैनाती को अंजाम दिया, उससे शत्रुओं को एक जोरदार संदेश गया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए राष्ट्र का संकल्प उसकी सशस्त्र सेनाओं की क्षमता में विश्वास के कारण अडिग है। उन्होंने एलएसी पर तनाव घटाने की जारी कोशिशों पर प्रशंसा की तथा भारतीय वायु सेना से किसी भी आकस्मिक स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने की अपील की।

उन्होंने कोविड-19 महामारी के प्रति देश के रिस्पांस की सहायता करने एवं कई एचएडीआर मिशनों के दौरान निभाई गई भूमिका के लिए भारतीय वायु सेना के शानदार प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने रक्षा उत्पादन में आत्म निर्भरता अर्जित करने की आवश्यकता रेखांकित की तथा नोट किया कि इस एएफसीसी के लिए चुनी गई थीम-अगले दशक में भारतीय वायु सेना-‘ आगे आने वाले दिनों में स्वदेशीकरण की दिशा में प्रयासों को बढ़ाने के लिए बहुत उपयुक्त है। उन्होंने सीडीएस की नियुक्ति तथा डीएमए के सृजन के बाद से तीनों सेनाओं के बीच संयोजन तथा समेकन बढ़ाने की दिशा में की गई प्रगति की प्रशंसा की।

रक्षा मंत्री ने प्रौद्योगिकी में आए बदलावों तथा नैनो टेक्नोलाजी, आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस, साइबर एवं अंतरिक्ष क्षेत्रों में उभरती क्षमताओं को अपनाने में भारतीय वायु सेना की भूमिका की सराहना करते हुए अपने भाषण का समापन किया। उन्होंने कमांडरों को भरोसा दिलाया कि चाहे वित्तीय आवश्यकताएं हों या और कोई आवश्यकता, सशस्त्र बलों की सभी जरुरतों को पूरा किया जाएगा।

सीएएस ने कमांडरों को अपने संबोधन में कहा कि भारतीय वायु सेना अल्पकालिक एवं रणनीतिक खतरों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है और यूनिट भी शत्रुओं द्वारा किसी भी आक्रमक कार्रवाई का मुकाबला करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं। उन्होंने नोट किया कि तैनाती एवं बलों की तैयारी सुनिश्चित करने में सभी कमानों की प्रतिक्रया त्वरित और सराहनीय रही। उन्होंने एक सुदृढ़ रिस्पांस सुनिश्चित करने के लिए अल्प समय की सूचना पर स्थिति से निपटने की क्षमता पर फोकस करने पर बल दिया।

तीन दिनों के सम्मेलन के दौरान, कमांडर उभरने वाली सभी स्थितियों से निपटने के लिए अगले दशक में भारतीय वायु सेना की क्षमताओं के निर्माण पर विचार करने से पूर्व वर्तमान प्रचालनगत परिदृश्य एवं तैनातियों की समीक्षा करेंगे।