भौतिक सुखों की इच्छा करने से बेहतर है कि हम परमात्मा की चाह रखें

BHARATTV.NEWS;CHITRA: अंतरराष्ट्रीय राम कथा वाचिका साध्वी ॠचा मिश्रा ने कहा कि मानव जीवन की सार्थकता परमात्मा प्राप्ति से है। रूद्र महायज्ञ में मंगलवार की रात वह धर्म सभा को संबोधित कर रही थीं। कहा कि राम कथा कल्पवृक्ष के समान है। दिल्ली के प्रमोद कुमार अजमेरिया ने अपने एल्बम के एक से बढ़कर लोकप्रिय भजनों की प्रस्तुति दी। वृंदावन की लीला मंडली ने सीता स्वयंवर का मंचन किया। पश्चिम बंगाल के वरुण दास ने बाउल संगीत की प्रस्तुति रात्रि के अंतिम प्रहर तक दी।
साध्वी ऋचा ने कहा कि मानव तन पाकर यदि हमने परमात्मा की प्राप्ति नहीं की। तो हमारा यह जीवन निरर्थक हो जाएगा। जन्म मरण के चक्कर में हमें 84 लाख योनियों में भटकना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि रामकथा एक ऐसा माध्यम है जिसका अनुसरण करके हम भगवान राम के शरण में जा सकते हैं। यह कल्प तरु के समान है।

जिस चीज को हम प्राप्त करना चाहें। वह इसके अनुश्रवण से प्राप्त हो सकता है। लेकिन भौतिक सुखों की इच्छा करने से बेहतर है कि हम परमात्मा की चाह रखें। हम मांग करें तो ईश्वर को ही मांग लें। जब ईश्वर ही हमें प्राप्त हो जाए तो हमारे पास मांगने की अन्य चीजें बच नहीं जाती है। जिसने ईश्वर की प्राप्ति कर ली या ईश्वर की शरण में चले गए। उनके सामने भौतिक सुख सुविधा की चीजें तुच्छ हैं। आगे कहा कि हम राम का परम भक्त बन जाएं। उस स्थिति में वह हमें किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं कर सकते। भक्तों के वश में ही भगवान होते हैं। भक्तों के आगे उनकी एक नहीं चलती है। भक्त जैसे भगवान को नचाना चाहे उसी तरह वे आज्ञाकारी नौकर की भांति काम करते हैं। उन्हें अपने शरण में भक्तों को लेना ही पड़ेगा।

प्रमोद ने निर्गुण भजनों की झड़ी लगाई: मां बाप से बढ़कर जग में नहीं कोई खजाना, मां बाप की सेवा नहीं की तो मंदिर जाने से क्या होगा, अपनों से तेरा नाते टूट जाएगा, नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का, इक डोली चली इक अर्थी चली समेत दर्जन भर एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी। उनके कार्यक्रम के दौरान दर्शक रात्रि के 2:00 बजे तक अपने-अपने स्थानों में जमे रहे। उनके स्वरचित भजनों का भरपूर आनंद हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने लिया। बाल कलाकारों ने एक से बढ़कर एक भाव भरा नृत्य प्रस्तुत किया। प्रमोद कुमार के साथ आई भजन गायिका प्रीति ने आजा हे मां शारदे रख लेना लाज मेरी, मां शेर पर चढ़कर आ जा मेरी बिगड़ी बात बना जा समेत कई भजनों की प्रस्तुति दी।
सीता स्वयंवर देख श्रद्धालु हुए भाव विभोर: वृंदावन की लीला मंडली ने सीता स्वयंवर की जीवंत प्रस्तुति दी। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि रंगमंच पर जनकपुर उत्तर आया हो। शिव धनुष भंग करने के लिए जहां राजाओं की कतार लग गई। वहीं 15 वर्षीय राम बने कलाकार ने धनुष तोड़ा और सीता से ब्याह रचाया।














