
JAMTARA: गत दिनांक 24 फरवरी को जामताड़ा गांधी मैदान में 1932 आधारित खतियान और भाषा संस्कृति को लेकर आन्दोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। आदिवासी मूलवासी संगठन संघर्ष समिति बैनर तले जामताड़ा जिला के विभिन्न गांवों से घटवाल/घटवार आदिवासी महासभा सभा के सदस्यों सहित काफी संख्या में महिलाएं एवं बच्चे, युवाओं ने भाग लिया और जुलूस में शामिल हो कर अपनी आवाज को बुलंद किया।

युवा नेता राजीव राय और महावीर राय ने कहा कि यह आन्दोलन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था। जिसमें हमारे समाज के लोगों ने आदिवासी मूलवासी होने का 1932 आधारित खतियान को सही माना है। हमारी संस्कृति, हमारी भाषा, हमारी हासा ही हमारी पहचान है। इसके लिए हम सबको आदिवासी मूलवासी के लिए अलग राज्य झारखंड राज्य बना है। लेकिन यहां स्थानीय नीति नहीं बनने के कारण हम लोग बेरोजगार होते जा रहे हैं। स्थानीय नीति के अभाव में नियोजन नीति भी नहीं बनता है। और नियोजन नीति नहीं बनने से हमारे युवाओं को नौकरी रोजगार नहीं मिल पा रहा है।हमारा अधिकार बाहरी लोग,गैर झारखण्डी लोग छीन रहा है। अब तो हमारी भाषा को ,जो हमारे क्षेत्रिय भाषायें है उसे स्थान नहीं दे कर वर्तमान सरकार ने बाहरी भाषा मघ्ई भोजपुरी मैथिली अंगीका उड़ीया आदि भाषाओं को भाषा सूची में शामिल कर लिया है। जिसका विरोध हमलोगों ने किया है। उसी को लेकर आज आन्दोलन, रैली जुलूस निकाला गया है।
इस अवसर पर युवा अध्यक्ष राजीव राय, मिडिया प्रभारी महावीर राय, प्रथम राय,चैतलाल राय, कैलाश राय, जागेश्वर राय, जितेंद्र राय सहित घटवाल, घटवार आदिवासी महासभा के क्ई पदाधिकारी और सदस्य गण शामिल थे।














