BHARATTV.NEWS; CHITRA: कोयलांचल के धमना गांव सहित कई स्थानों में सावन माह के पहला सोमवार को रुद्रावतार बाबा दुबे की वार्षिक पूजा धूमधाम से हुई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों का तांता लगा रहा।
यूं तो बाबा दुबे की पूजा अर्चना सालों भर होती रहती है। लेकिन वार्षिक पूजा वर्ष में एक ही बार की जाती है। वह भी सावन महीने के सोमवार को परंपरा के अनुसार लोग करते हैं। सदियों से चली आ रही प्रथा के अनुसार धमना, आष्टाजोरा, अस्ताहीर सहित अन्य गांव में स्थित दुबे मंडा में श्रद्धालु भक्तों ने अलसुबह से अपनी हाजिरी दर्ज करना प्रारंभ किया। फल, फूल, अक्षत, चंदन, बेलपत्र, धूप, दीप, नैवेद्य आदि के साथ श्रद्धालुओं ने बाबा की पूजा अर्चना की। जिससे उनके दरबार में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। ऐसी मान्यता है कि बाबा दुबे अपने भक्तों को विषैले जंतुओं से रक्षा करते हैं। लिहाजा श्रद्धालु भक्तों ने पूजा-अर्चना कर उनसे अपने परिवार के सदस्यों के स्वस्थ जीवन की कामना की और हर संकट से रक्षा करने की मन्नत मांगी। इस अवसर पर परंपरा के अनुसार दोपहर बाद विधि विधान से पारंपरिक वाद्य यंत्रों (ढोल- ढाक-शहनाई) के साथ वैदिक मंत्रोचार करके वार्षिक पूजा प्रारंभ की गई। बाबा का जमकर जयकारा लगाया गया।पूजा की सारी रस्म सूर्य के अस्ताचल की ओर ढलने के पूर्व संपन्न हो गया। इस अवसर पर आयोजित मेले में बच्चों ने जमकर मनोरंजन के साधनों का आनंद लिया। मिष्ठान के साथ-साथ श्रृंगार प्रसाधनों की जमकर खरीदारी हुई। उल्लेखनीय है कि इस वार्षिक पूजा में जगह-जगह बकरे की बलि देने की प्रथा है। मौके पर कृष्णा सिंह, सतीश सिंह, चंद्र किशोर सिंह, प्रदीप सिंह, प्रमोद कुमार दास, युगल दास समेत बड़ी संख्या में लोग विभिन्न स्थानों में मौजूद थे।






