मिहिजाम। एसबीआई मिहिजाम में नकली सोना गिरवी रखकर दो करोड़ रुपए का कृषि गोल्ड लोन घोटाला मामले में पुलिस ने एक आरोपी चिरेकाकर्मी चित्तरंजन निवासी जयशंकर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के एसआई महेश मुंडा ने बुधवार रात को आरोपी को चित्तरंजन स्थित रेल आवास से गिरफ्तार किया है। हालांकि मामले में चार अन्य आरोपी पर पुलिस ने चार्जशीट किया है। परंतु चारों आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है। पूछताछ में आरोपी जयशंकर सिंह ने नकली सोना गिरवी रखकर असली सोना लेने के मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार किया है। गौरतलब है कि लोन लेने के दौरान चिरेकाकर्मियों ने बैंक में जमानत के तौर पर नकली सोना जमा करा दिया था। बाद में उक्त सोना की जांच तत्कालीन बैंक मैनेजर ने कराया तो पता चला कि सोना गुणवत्ता के अनुरूप नहीं है। बैंक कर्मी की ओर से सोने की गुणवत्ता पर सवालिया निशान उठाते हुए लोन के नाम पर एक करोड़ से अधिक का घोटाला किया है। प्राथमिकी के अनुसार बैंक में लोन के बदले नकली सोना गिरवी रखा गया था। बैंक द्वारा कुल 39 लोगों को यह लोन दिया गया था। जिसमें से 21 लोगों ने पुलिस की कार्रवाई और बैंक के द्वारा दबाव बनाए जाने के बाद अपना लोन जमा कर एनओसी ले लिया और पुलिसिया कार्रवाई से अपने आप को बचा लिया। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस घोटाले में अधिकांश चिरेकाकर्मी शामिल हैं। जिनमें कुछ चिरेकाकर्मी और उनकी पत्नी के नाम भी दर्ज हैं। जिन्होंने नकली सोना देकर बैंक से फर्जी तरीके से कृषि गोल्ड लोन हासिल कर किया था। इस बैंक घोटाले के बाबत मिहिजाम थाना में तत्कालीन ब्रांच मैनेजर हरेंद्र कुमार ने भादवि की धारा 419, 420, 467, 468 के तहत थाना कांड संख्या 181/17 दर्ज कराया है।
बैंककर्मी सहित पांच के विरुद्ध पुलिस ने किया चार्जशीट दाखिल:
गोल्ड लोन घोटाला में तत्कालीन बैंक मैनेजर सौमेन्द्र विजय, कांजीलाल के अलावे चिरेकाकर्मी जयशंकर सिंह, अरविंद कुमार और श्याम बहादुर रावत के विरुद्ध 2020 में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इसके अलावे अजित ठाकुर, पिंकी चौधरी, पुर्नेन्दु राय, निरुपा दास, सुमन कुमारी, आलोक रंजन, चंदन तंतुबाई, पवन चौधरी, विपिन कुमार साह, दीपांकर साहा, रेणू सिंह, विश्वजीत चक्रवर्ती, विजय कुमार, आलोक रंजन के नाम शामिल हैं।














