ओम प्रकाश शर्मा: गया, 20 अगस्त 2024: इस साल डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए गया जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट पर है। डेंगू और चिकनगुनिया के संभावित प्रकोप से निपटने के लिए जिला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में एक अहम अंतरविभागीय बैठक मंगलवार को समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित की गई। इस बैठक में जिले के स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज सहित अन्य विभागों के पदाधिकारी शामिल हुए।
डेंगू के मामलों में उछाल: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एमई हक के अनुसार, 2024 में अब तक जिले में 33 डेंगू के मामले सामने आए हैं, जिनमें से 11 शहरी क्षेत्रों से और 22 ग्रामीण क्षेत्रों से रिपोर्ट किए गए हैं। जिला प्रशासन ने 30 गांवों को डेंगू प्रभावित क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है। प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग और दवाओं का छिड़काव तेजी से किया जा रहा है।
डीएम की सख्त हिदायतें: डेंगू के मामलों में सितंबर और अक्टूबर में संभावित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, डीएम ने स्लम एरिया, सुअर पालन वाले क्षेत्रों और जल जमाव वाले स्थानों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। सभी स्वास्थ्य केंद्रों को जांच किट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने और प्लेटलेट्स की पर्याप्त व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने ब्लीचिंग पाउडर, एंटी-लार्वा और एंटी-फॉगिंग उपायों के व्यापक इस्तेमाल की भी हिदायत दी है।
जागरूकता अभियान और संसाधन: शहर के प्रमुख स्थानों पर जागरूकता बैनर लगाए गए हैं, और स्कूलों में विद्यार्थियों को डेंगू के प्रति जागरूक किया जा रहा है। प्रत्येक प्रखंड में आशा फैसिलिटेटर को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो घर-घर जाकर डेंगू लार्वा की खोज और निरोधात्मक उपाय करेंगे। जिले में एक नोडल पदाधिकारी और आठ सदस्यीय रैपिड रिस्पांस टीम तैनात की गई है। डेंगू नियंत्रण के लिए एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जिसका नंबर 8294235135 है।
स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू मरीजों के लिए जयप्रकाश नारायण अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 116 बेड और मेडिकल कॉलेज में 96 बेड की व्यवस्था की है। मरीजों की सुरक्षा के लिए मच्छरदानियों का भी इंतजाम किया गया है। इस व्यापक तैयारी के तहत प्रशासन का लक्ष्य है कि डेंगू के संभावित प्रकोप को समय रहते नियंत्रित किया जाए और जिलेवासियों को सुरक्षित रखा जा सके।














