आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में लंबे अरसे से भटक रहे लोगों की समस्याओं का चंद मिनटों में हो रहा है निदान
BHARATTV.NEWS, JAMTARA: आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम या यूं कहें कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का दूसरा चरण भी अब अपने अंतिम दौर में है, इस क्रम में पूरे जिले भर में अब तक 184 स्थानों पर शिविर का आयोजन किया जा चुका है, इस दौरान जिले के 1 लाख से अधिक लोगों ने अपनी समस्याओं को शिविर में पदाधिकारियों के समक्ष रखा, जिसमें लगभग 82 प्रतिशत से अधिक समस्याओं का निदान किया जा चुका है। वहीं शिविर में ऐसे सैकड़ों लाभुकों को अत्यंत कम समय में लाभ योजना से लाभान्वित किया गया। कई ऐसे भी लाभुक थे जिनकी सूचना मिलने पर पदाधिकारी स्वयं उन्हें अपनी गाड़ी से शिविर में बुलवाकर लाभ दिया तो कहीं पदाधिकारी स्वयं उसके घर जाकर ही उन्हें योजना से आच्छादित किए।

वैसे इस योजना के पीछे सरकार की सोच व मंशा भी यही है कि कोई भी लाभुक सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित ना रहे और यह वास्तव में चरितार्थ होते दिख रहा है। लंबे अरसे से भटक रहे लाभुकों की समस्या को चंद मिनटों में निदान किया गया।
करमाटांड़ प्रखंड के तारकोजोरी पंचायत में आयोजित शिविर में बीडीओ साहब को संबंधित राशन डीलर के माध्यम से उनका आवेदन मिला और जानकारी मिली कि प्रखंड क्षेत्र के रानीटांड़ निवासी वृद्ध महिला सानो हांसदा काफी लाचार अवस्था में हैं, उनका पेंशन पिछले दो सालों से स्वीकृत नहीं हो पाया है। यह सुनकर बीडीओ ने सोचा कि क्यों ना उस वृद्ध महिला के घर जाकर उनका हाल चाल जाना जाय और उनकी समस्या को वहीं निदान किया जाय। बीडीओ करमाटांड़ उक्त महिला के घर पर पहुंचे। उन्होंने उक्त वृद्ध महिला से मिलकर उनकी परेशानी पूछी तो महिला ने अपनी भाषा में बताया कि पेंशन के लिए पहले भी दो बार मुखिया को आवेदन दी थी परंतु स्वीकृत नहीं हुआ। उनके परिजनों ने बताया कि काफ़ी वृद्ध होने के कारण स्वयं कैम्प मे नहीं आ सकी। बीडीओ करमाटांड़ ने जांचोपरांत दस्तावेजी प्रक्रिया को उनके घर पर ही पूर्ण करते हुए पेंशन स्वीकृत पत्र उन्हें उपलब्ध करा दिया। वहीं उनके परिवार वालों को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि हमारी समस्या के निदान के लिए स्वयं प्रखंड विकास पदाधिकारी हमारे घर आ कर पेंशन स्वीकृत कर दिए। उनके परिजनों ने पेंशन स्वीकृति पाकर अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हुए सरकार और प्रशासन का धन्यवाद दिया।














