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गन खरीदने के बाद वाहनों की लूट, छिनतई और कई अपराधिक घटनाओं में उपयोग करते हैं अपराधी

बिहार एसटीएफ के द्वारा अवैध गन निर्माण ठिकाने का खुलासा , गिरफ्तार तीन लोगों को आज आसनसोल कोर्ट में पेश किया गया

BHARATTV.NEWS, RANCHI/ ASANSOL/JAMTARA: : गुरूवार को गैंगस्टर्स को हथियारों की सप्लाई करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यो में गया जिले के गरुवा थाना निवासी रंजन कुमार, शेरघाटी निवासी चंदन कुमार, दानिश इकबाल और मो तौहिद उर्फ रफत को झारखंड एटीएस ने गिरफ्तार कर इनके पास से 35 देसी पिस्टल बरामद किय। यह ग्रिफ्तारी उस वक्त की गयी जब आरोपी शेरघाटी में हथियारों का लेन- देन करने आये थे। एटीएस को जानकारी मिली थी की आरोपियों द्वारा गया के हरेंद्र यादव द्वारा गैंगस्टर अमन साहु गिरोह एवं अन्य अपराधिक गिरोह को हथियार की सप्लाई का काम हो रहा है। उत्तर प्रदेश के मुबारक अंसारी गिरोह द्वारा हथियारों की सप्लाई गया के हरेंद्र यादव एवं अरमान मलिक गैंग को की जाती है। हरेंद्र और अरमान मलिक हथियारो को झारखंड के अमन साहू गैंग, चतरा के लल्लू खान गैंग के अलावा अन्य अपराधियों को हथियार सप्लाई करता है। पकड़ाए गए अभियुक्तों के द्वारा झारखंड के कई जिलों में वाहनों की लूट, छिनतई और कई अपराधिक घटनाओं को भी अंजाम दिया जा चुका है। एटीएस ने हाल ही में नक्सलियों, अपराधियों और आतंकियों के नेटवर्क को तोड़ने में कामयाबी हासिल की है। इस सफलता के पीछे एटीएस के एसपी प्रशांत आनंद का हाथ बताया जा रहा है।

बंगाल झारखण्ड सिमा से सटे रूपनारायणपुर पुलिस इन्वेस्टीगेशन सेंटर से लगभग 3 किलोमीटर दूर रूपनारायणपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र के चितालदंगा में लम्बे अर्से से अवैध मिनी गन फैक्ट्री का संचालन हो रहा था लेकिन इसकी भनक आखिर ख़ुफ़िया तंत्र को पहले क्यों नहीं लगी। रूपनारायणपुर क्षेत्र आसनसोल संसदीय क्षेत्र में आता है जो की झारखण्ड सीमा से सटा है। यहाँ १२ अप्रैल को आसनसोल लोकसभा का उपचुनाव भी होना है और इससे पहले बन्दुक फैक्ट्री का उद्भेदन से लोगों ने राहत की साँस ली है। बताया जा रहा है की गुरुवार 24 मार्च की देर रात बिहार एसटीएफ, मिहिजाम थाना व सलानपुर थाने की संयुक्त पुलिसिया छापेमारी में 10 निर्मित और 25 अर्धनिर्मित पिस्टल आदि बरामद हुए। साथ ही लेथ मशीन , और हथियार बनाने में प्रयुक्त सामग्री भी बरामद हुए। पुलिस ने बिहार के मुंगेर जिलांतर्गत मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मुबारक चक गांव निवासी राजकुमार चौधरी, प्रवीण कुमार और कासिम बाजार थाना क्षेत्र के हजरतगंज निवासी मोहम्मद इकबाल को गिरफ्तार किया है जिन्हे आज आसनसोल न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। इधर खबर यह है की मिहिजाम थाना क्षेत्र के कुर्मीपाड़ा निवासी नंदू चौधरी फरार हैं,जो रिश्ते में गिरफ्तार राजकुमार चौधरी का जीजा है।

दो साल पहले ही संसोल के कुल्टी में पिछले ही साल २९ -३० मई की आसपास कोलकाता की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कुल्टी नियामतपुर के नूर नगर में छापेमारी कर मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। मौके से धनबाद जिले के पांच हथियार तस्कर आरोपियों में झरिया के इसरार अहमद व आरिफ, हरिणा के सूरज कुमार साव व उमेश कुमार वर्मा और धनसार का अरुण कुमार वर्मा को दबोचा गया था। हथियार तस्करी के मामले में शौकत अंसारी नामक एक तस्कर कोलकाता में एसटीएफ के हत्थे चढ़ा था और शौकत की निशानदेही पर छापेमारी में 350 निर्मित व अर्द्धनिर्मित 7 एमएम पिस्टल के अलावा कई लेथ मशीन, हेक्सा ब्लेड, रॉड और अन्य सामान बरामद किए गए थे।
झरिया के हमीद नगर में मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था। मौके से मुंगेर के हथियार कारिगर भी दबोचे गए थे।उधर ६ महीने पहले ही आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी अभिषेक मोदी ने बताया था की 23 सितंबर को बराकर में कुल्टी केंदुआ बाजार निवासी आस मोहम्मद उर्फ बबलू से पुलिस ने जांच के दौरान 25 पिस्टल एवं 46 मैगजीन बरामद की थी।
इसके बाद आस मोहम्मद से पूछताछ के बाद उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद निवासी अनवर खान उर्फ राशिद एवं उसके चालक आफताब आलम को गिरफ्तार किया गया था। रिमांड के दौरान पूछताछ में आस मोहम्मद के कुल्टी थाना क्षेत्र के डिसरगढ़ स्थित नौ नंबर भांगा बांध में नवनिर्मित मकान के भूमिगत कमरे में मिनी गन फैक्टरी में छापामारी कर सात 7.2 एमएम निर्मित पिस्टल, 20 अर्ध निर्मित पिस्टल, 14 निर्मित मैगजीन एवं 5 अर्ध निर्मित मैगजीन के साथ पिस्टल बनाने के उपकरण बरामद किए गए।

विदित हो की बन्दुक बनाने में मुंगेर एक्सपर्ट माना जाता है वहां कई सरकारी बंदूक कारखाने बंद होने की वाट जोह रहे हैं। यहां के 36 यूनिट कारखाने में सात बंद हो चुके हैं। बन्दुक का अब जमाना रहा नहीं इसलिए लोग राइफल व पिस्टल लोगों की पहली पसंद है। कहा जाता है की सरकारी कारखाने में काम करने वाले मजदूर एक बंदूक को तैयार करने इसके बदले इन्हें मजदूरी के रूप में दो हजार रुपए ही मिल पाते हैं। जबकि बाहर में अवैध तरीके से देसी कट्टा बना कर मजदूर महीने में महीने में दस से बीस हजार की कमाई अवैध तरीके से कर लेने में समर्थ होते हैं। एक तरफ सरकारी कारखाने बंद हो रहे हैं वहीं अवैध कारखाने अब गावों तक पहुँच गए। यह कारोबार बिहार तक सिमित था लेकिन पिछले कई सालों से बंगाल के आसनसोल अनुमंडल क्षेत्र में अवैध गैन निर्माण फैक्ट्री का खुलासा हो रहा है।