निर्माण से लेकर आज तक नाला विधानसभा क्षेत्र में स्थित अजय नहर में यही तो होता है।
BHARATTV.NEWS,JAMTARA: नाला विधानसभा क्षेत्र के अजय नहर में क्ई जगहों पर मरम्मती कार्य इन दिनों में चल रहा है। अगर बरसात में नहर में पानी नहीं। आकाश में भी पानी नहीं तो किसान मजदूर आखिर करेगा क्या? बताया जाता है कि नाला विधानसभा क्षेत्र में नहर तो है मगर किसानों के लिए सन्तावन सालों से नहर में पर्याप्त पानी नहीं मिल पाया है। हां नहर में हर साल लाखों नहीं करोड़ों रुपए का मरम्मती कार्य होते रहता है। जिससे किसानों को कोई फायदा नहीं होता है। आम लोगों का कहना है की हो सकता है इससे फायदा होता है ठिकेदार और अफसरों को। वे लोग कार्य को जैसे तैसे कराकर रूपए लूट लेते हैं और नहर जैसे का तैसे रह जाता है। और यह 57–58 वर्षों से ऐसा ही चलता रहा है। परिणाम यह होता है कि जैसे ही नहर में पानी छोड़ा जाता है वैसे ही नहर कहीं न कहीं टूट जाता है। नहर का पानी किसानों को और बर्वाद करते हुए मिट्टी से भर देता है। तब पुनः नहर में पानी छोड़ना बंद कर मरम्मती कार्य शुरू किया जाता है। निर्माण से लेकर आज तक नाला विधानसभा क्षेत्र में स्थित अजय नहर में यही तो होता है।
इस संबंध में सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार टुडू से जब पूछा गया कि क्षेत्र की जनता आंदोलन कर रहे हैं नहर में पानी छोड़ने के लिए। आप कबतक नहर में पानी छोड़ने वाले हैं। उन्होंने विभाग की उदासीनता को बताते हुए कहा कि अगर विभाग समय पर टेंडर जारी कर दिए होते तो कब तक नहर में मरम्मती कार्य पूर्ण हो जाता। सरकार को विभाग ने नहर टूटने के तुरंत बाद प्रोपोजल भेज दिया गया था। वहां से प्रकिया में आते आते काफी समय लग गया है। अब जाकर सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर मरम्मती कार्य तेजी से किया जा रहा है।
जब उनसे पूछा गया कि कबतक नहर में पानी छोड़ना शुरू कर सकते हैं?
इस पर विभागीय अधिकारी ने कहा कि सिंचाई विभाग सिकटीया से एक अगस्त को नहर में पानी छोड़ने का संकेत दे दिया है। किसानों की समस्या को देखते हुए एक अगस्त को नहर में पानी छोड़ा जा सकता है।तब तक नहर में मरम्मती कार्य को पूरा कर लिया जायेगा। विभाग ने हैंड की काफी संख्या में कमी है।जे ई ऐ ई की कमी है। ठिकेदार को बालू गिट्टी मिलने में दिक्कत हो रही है। फिर भी हम लोग दिन रात में लग कर 30 जुलाई तक मरम्मती कार्य पूरा करने का प्रयास करेंगे। ताकि एक अगस्त को नहर में पानी छोड़ा जा सके।
कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार टुडू ने कहा कि अभी मरम्मती कार्य 30%से 40%तक हो चुका है। शेष कार्य को शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जायेगा। उन्होंने ने बताया कि नहर में चैन संख्या 540 और चैन 590 एवं चैन संख्या 1300–+के आसपास कार्य में प्रगति पर है। सभी कार्य को शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा।
इस संबंध में जब कार्य स्थल पर जाकर संवाददाता ने कार्य का जायजा लिया तो वहां पर कार्य कर रहे मिस्त्री मजदूर ढ़लाई
का काम चल रहा था। वहां पर कार्य का निरीक्षण कर रहे विभागीय जे ई ऐ ई, जिनके देख रेख में यह करोड़ों का काम हो रहा था।जब संवाददाता ने उपस्थित जे ई ऐ ई से पूछा कि किस मात्रा में सिमेंट बालू और गिट्टी मिलाया जा रहा है? इसका अनुपात क्या है? तो उन्होंने ने बताया कि इसका अनुपात 1भाग सिमेंट, 1+1/2 भाग बालू और 3 भाग गिट्टी के अनुपात में मिक्सर मशीन द्वारा मिलाया जाता है।
जब उनसे पूछा गया कि ढ़लाई में छड़ बांधने की दुरी क्या है? छड़ की मोटाई किस नाप की है।
इसका जवाब उन्होंने देते हुए कहा कि आठ इंच का अंतर में तथा छड़ 10 एम एम,12 एम एम तथा 8एम एम का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्य प्रगति पर है और 30 जुलाई तक काम पूरा कर लिया जायेगा। REPORT: धनेश्वर सिंह














