फतेहपुर जामताड़ा, धनेश्वर सिंह: आज अमावस्या तिथि होने के कारण एक विशेष योग तिथि मानी गई है। इसलिए आज प्रातः काल से सुहागीन महिलाएं नहा धो कर शुद्ध और पवित्र वस्त्र धारण कर गांव में स्थित बट वृक्ष के पास उपस्थित होकर बट वृक्ष की पूजा अर्चना की।बट वृक्ष में धागा घुम घुम कर लपेटी और अपने अपने सुहाग की सुरक्षा और लंबी आयु की कामना की। कहीं कहीं देखा गया कि बरगद वृक्ष के पास सामुहिक रूप में महिलाएं शामिल हो कर यह सावित्री व्रत मनाया

। विभिन्न तरह के फल फूल प्रसाद चढ़ाया और और धूप अगरबत्ती दिखाकर भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश से प्रार्थना की। मान्यता है कि बट वृक्ष में देवताओं का वास होता है।बट वृक्ष में में ब्रह्मा विष्णु महेश तथा लक्ष्मी देवी भी निवास करते हैं।इस लिए भी बट वृक्ष पूजनीय है। लेकिन आज अमावस्या तिथि होने से सावित्री व्रत मनाया जाता है और यह जेष्ठ महिने में ही होता है। मान्यता है कि सावित्री की पति सत्यवान की मृत्यु हो जाने के बाद भी यम से जीवन दान ले ली थी। इसलिए महिलाएं जो सुहागीन महिलाएं हैं वे आज सावित्री व्रत जरूर करेंगी और अपने अपने पति को दीर्घायु की कामना करेगी।
वैसे भी पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षों की पूजा होते आया है और होता रहेगा। चाहे वह किसी रूप में हो। बरगद वृक्ष गर्मी के दिनों में सबसे अधिक शीतल छाया और शीतल हवा प्रदान करता है।इस लिए हमारे पूर्वजों ने इसे पूजनीय माना है।बट वृक्ष में धागा बांधने से सुहागीन महिलाएं अपने पति से अटूट विश्वास और प्रेम दर्शाती है। भगवान भी उनकी भक्ति भाव से प्रसन्न होकर उनकी कामना पूर्ण करते हैं।
इसी क्रम में आज फतेहपुर प्रखण्ड अन्तर्गत पालाजोरी बस्ती में क्ई महिलाओं को बट वृक्ष के पास एकत्रित हो कर पूजा अर्चना करते देखी गई। चाहे जो भी रूढ़िवादी हो या धर्म भीरू हो। वृक्षों की पूजा होना चाहिए।वही जीवन वायु तैयार कर हमें जीवित रखते हैं।















