ऐसी घटना पूरे राज्य के लिए पीड़ादायक है, इसकी पुनरावृत्ति न हो : मुख्यमंत्री
उपायुक्त गोड्डा को पूरे मामले की जांच का आदेश

bharattv.news,(digital desk): गुरूवार को गोड्डा जिला से स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल देने वाली खबर सामने आयी जिससे सूबे के मुख्यमंत्री को मामले में संज्ञान लेना पड़ा और कार्रवाई का आदेश जारी किया। जहां अराबों खर्च कर सरकार स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन कर रही है वहीं स्वास्थ्य केंन्द्र के संचालक मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। स्वास्थ्य केन्द्र बन्द रहने के महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर किया गया। घर घर जाकर आंगनबाड़ी कर्मी, आशा कर्मी, एएनएम सब कहां गये। एम्बुलेंस से गर्भवती महिलाओं को सरकार द्वारा स्वास्थ्य केंन्द्र तक भर्ति के लिए लाया जाता है। ये सब व्यवस्था महिला को क्यों नसीब नहीं हुई। गोड्डा जिला के पोडै़याहाट प्रखण्ड के डेवडाड़ उपस्वास्थ्य केन्द्र बंद रहा जिसके कारण प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला सड़क पर ही केेन्द्र के सामने बच्चे को जन्म दिया। परिजनों का आरोप है कि सहिया को बार बार फोन किये जाने पर भी फोन बंद रहा। इस घटना से समझा जा सकता है कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल कैसा है। ध्यान देनेवाली बात यह है कि यह वही गोड्डा जिला है जब गोड्डा के एक बड़े प्रशासनिक अधिकारी को जब प्रसव पीड़ा हुआ था तो गोड्डा जिला के तमाम चिकित्सकों ने दो दिनों तक उनकी इलाज में जुटे रहे थे लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग का पोल खुलकर सामने आया।

bharattv.news,ranchi: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गोड्डा जिला स्थित स्वास्थ्य केंद्र के बाहर महिला द्वारा बच्चे को जन्म दिए जाने के मामले को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है। ऐसी घटना होना पूरे राज्य के लिए पीड़ादायक है। उपायुक्त गोड्डा पूरे मामले की जांच कर सूचित करें। साथ ही सभी जिला उपायुक्त कृपया ध्यान दें। ऐसी घटना न हो, इसके लिए आप सभी समुचित कार्यप्रणाली बनाकर उसका पालन करवायें।
ये मिली थी जानकारी
मुख्यमंत्री को जानकारी मिली थी कि गोड्डा जिला के पोडै़याहाट प्रखण्ड के डेवडाड़ उपस्वास्थ्य केन्द्र बंद रहने के कारण प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला ने स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही बच्चे को जन्म दिया। सहिया को फोन करने पर फोन बंद पाया गया।
पुलिस महानिदेशक मामले में संज्ञान लें
मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक श्री एमवी राव और उपायुक्त को खूंटी के घाघरा निवासी असरिता की हर जरूरी मदद करते हुए मामले में संज्ञान लेने का निदेश दिया है। पुलिस महानिदेशक ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि उपायुक्त खूंटी से पुलिस अधीक्षक समन्वय स्थापित कर असरिता को जरूरी सहायता से आच्छादित करने की पहल शुरू कर दी गई है।
यह है मामला…
मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि जून 2018 में पत्थलगड़ी की घटना के क्रम में पुलिस द्वारा घाघरा की असरिता मुंडू को पीटे जाने से उसने शारीरिक रूप से विकलांग व समय से पहले बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन उसे अभी तक किसी तरह की मदद या मुआवजा सरकार से नहीं मिला है। मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने उपरोक्त निदेश दिया है।














