नाम, जगह और फोटो गलत हो सकता है, लेकिन इस तरह की कई घटनाएँ हुई होंगी, जिनका मार्मिक चित्रण उपलब्ध नहीं है।
रूह कंपा देने वाली तस्वीर.. क़यामत टूटना शायद इसीको कहते हैं।
ये तस्वीर मलेशिया के शहर की है, दरवाज़े पे खड़े इस शख्स का नाम डॉक्टर हैदियो अली है, जिनकी ये आखरी तस्वीर है।
इस तस्वीर को हमेशा याद रखिये, यह मार्मिक तस्वीर क़ुर्बानी की एक मिसाल है।
ये डॉक्टर हैदियो अली कोरोना वायरस में मुब्तिला मरीज़ों का ईलाज करते हुए खुद ही कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे।
जब उन्होंने ये महसूस किया कि अब वो नहीं बचेंगे तो वो अपने घर गए और गेट के बाहर खड़े होकर अपने बच्चों और प्रैग्नेंट बीवी को आख़री बार बहुत देर तक हसरत भरी निगाहों से देखे और वहां से रुख्सत हो गए। ये तस्वीर उनकी बीवी ने ली थी, जब वो अपने बच्चों को जी भरकर देखने और उनसे विदा लेने आये थे। वो दूर ही दरवाज़े पर खड़े रहे क्योंकी वो नही चाहते थे कि उनके बीवी बच्चों तक कोरोना ये अज़ाब पहुंचे।
डॉ. हेदीयो इंसान के सबसे बेहतरीन उदाहरण हैं इनको बारम्बार सलाम ।*डॉ हेडियो अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन अपने परिवार को बचा गये।
आप भी सजग और संभल जायें।
जामताड़ा जिले के पूर्व डीसी शशिरंजन सिंह के फेसबुक वाॅल से








