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मानव तस्करी की शिकार झारखंड की 2 बच्चियों को दिल्ली में कराया गया मुक्त

BHARATTV.NEWS,रांचीः मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के सार्थक प्रयास से लगातार मानव तस्करी के शिकार बालकध्बालिकाओं को मुक्त कराकर उनके घरों में पुनर्वास किया जा रहा है। इसी कड़ी में मानव तस्करी की शिकार झारखंड के गोड्डा जिले की 2 बच्चियों को दिल्ली में मुक्त कराया गया है।


मालूम हो कि मानव तस्करी पर झारखंड सरकार तथा महिला एवं बाल विकास विभाग काफी संवेदनशील है। ऐसी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई उसी का नतीजा है। आईआरआरसी द्वारा संचालित टोल फ्री नंबर 10582 पर गुप्त सूचना से यह पता चला था कि झारखंड के गोड्डा जिले की 02 बच्चियों को नई दिल्ली में बेच दिया गया है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई कर रात्रि 11 बजे स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी कर एक अपार्टमेंट से दोनों बच्चियों को सकुशल मुक्त करा लिया गया। बता दें कि दोनों नाबालिग बच्चियों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी में प्रस्तुत कर उनकी लगातार काउंसेलिंग की जा रही है। सूचना है कि नई दिल्ली में कुछ और बच्चियों को बेचा गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन में जिन लोगों को पकड़ा गया हैए उनसे भी पूछताछ कर अन्य बच्चियों के बारे में जानकारी इकट्ठी की जा रही है । टीम का नेतृत्व नोडल पदाधिकारी श्रीमती नचिकेता ने किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी जिलों को सख्त निर्देश दिया गया है कि जिस भी जिले के बच्चों को दिल्ली में रेस्क्यू किया जाएगाए उस जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा उनके मूल जिले में पुनर्वास किया जाएगा।

गौरतलब है कि स्थानिक आयुक्त श्री मस्तराम मीणा के निर्देशानुसार एकीकृत पुनर्वास.सह.संसाधन केंद्रए नई दिल्ली द्वारा लगातार दिल्ली के विभिन्न बालगृहों का भ्रमण कर मानव तस्करी के शिकारए भूले. भटके या किसी के बहकावे में फंसकर असुरक्षित पलायन कर चुके बच्चेए बच्चियां और युवतियों को वापस उनके गृह जिला भेजने की कार्रवाई की जा रही है। इसे लेकर दिल्ली पुलिसए बाल कल्याण समितिए नई दिल्ली एवं सीमावर्ती राज्यों की बाल कल्याण समिति से लगातार समन्वय स्थापित कर मानव तस्करी के शिकार लोगों की पहचान कर मुक्त कराया जा रहा है। उसके बाद मुक्त लोगों को सुरक्षित उनके गृह जिला भेजने का कार्य किया जा रहा हैए जहां उनका पुनर्वास किया जा रहा है।

दलालों के माध्यम से पलायन किये थे

दिल्ली में मुक्त करायी गईं बच्चियों को दलाल के माध्यम से लाया गया था। झारखंड में ऐसे दलाल बहुत सक्रिय हैंए जो छोटी बच्चियों को दिल्ली में अच्छी जिंदगी जीने का लालच देकर उन्हें दिल्ली लाते हैं और विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने बेच देते हैं। इससे दलालों को मोटी रकम प्राप्त होती है और इन बच्चियों की जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी जाती है।

माता.पिता भी हैं जिम्मेदार .

दलालों के चंगुल में बच्चियों को भेजने में उनके माता.पिता की भी अहम भूमिका होती है। कई बार ऐसा देखा गया है कि बच्चियां अपने माता.पिताए अपने रिश्तेदारों की सहमति से ही दलालों के चंगुल में जाती हैं।

मुक्त लोगों की होगी सतत निगरानी .

समाज कल्याणए महिला बाल विकास विभाग के निदेशक छवि रंजन द्वारा सभी जिले को सख्त निर्देश दिया गया है कि झारखंड लाए जा रहे बच्चों को जिले में संचालित कल्याणकारी योजनाओंए स्पॉन्सरशिपए फॉस्टरकेयरए कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से जोड़ते हुए उनकी ग्राम बाल संरक्षण समिति ;टस्ब्च्ब्द्धद्ध के माध्यम से सतत् निगरानी की जाएगीए ताकि बच्चियों को पुनरू मानव तस्करी का शिकार होने से बचाया जा सके। बच्चों को मुक्त कराने वाली टीम में एकीकृत पुनर्वास.सह. संसाधन केंद्र की परामर्शी सुश्री निर्मला खालखोए श्री राहुल कुमार एवं प्रिंस ने अहम भूमिका निभाई है।