BHARATTV.NEWS: मिहिजाम। श्री दिगम्बर जैन मन्दिर में चल रहे पांच दिवसीय पंच कल्याणक महोत्सव के तीसरे दिन रविवार को तप कल्याणक महोत्सव का आयोजन किया गया । जिसमें काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
तप कल्याणक महोत्सव के दौरान शांति जाप्य, श्री जी का अभिषेक, शांतिधारा, नित्य पूजा, जन्म कल्याणक पूजा, शांति हवन, तीर्थंकर बालक की बाल क्रीड़ा, मुनि श्री अनेकांत का मंगल प्रवचन, राजदरबार, राज्याभिषेक, 32 मुकुट बद्ध राजाओं द्वारा भेंट, राजतिलक, राजनर्तकी द्वारा नृत्य, भगवान का उपदेश, भगवान का जातिस्मरण से अनैमित्तिक वैराग्य,लौकांतिक देवों का आगमन, भगवान का वनगमन, दिक्छा कल्याणक विधि संस्कार, आनंद यात्रा आरती, पिच्छा परिवर्तन, शास्त्र प्रवचन एवम संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर पंकज जैन, आनंद जैन, कमल जैन, अनिल जैन, नीरू जैन और मिहिजाम समेत दूर दराज से आये लगभग 8 सौ श्रद्धालुओं से मंदिर परिसर में मेला समागम सा दृश्य उभर पड़ा।
क्या है पिच्छा परिवर्तन।
ताउम्र निर्वस्त्र रहने वाले जैन मुनि साधु अपने साथ हाथ मे एक मोरपंख जड़ित एक पंखा रखते हैं जिससे वे शरीर पर या किसी भी स्थान पर बैठने से पुर्व बहारते है ताकि कोई छोटे जीव को छति न पहुँचे, यह पंखा हर चार मास पर किसी मांगलिक और धार्मिक अनुष्ठान के क्रम में बदला जाता है, इसे ही पिच्छा परिवर्तन अनुष्ठान कहते हैं।
क्या है पंच कल्याणक महोत्सव या अनुष्ठान।
गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान औऱ मोक्ष यही पंच कल्याणक महोत्सव हैं।
एक शिशु जब गर्भ धारण करता है तब से मोक्ष तक उसे इन पांच कल्याणक विधियों से गुजरना पड़ता हैं।
विस्तार से समझे तो गर्भ धारण के साथ एक शिशु धर्म रूपी प्राण को भी धारण करता है। जिसके बाद उसका जन्म होता हैं। जन्म के बाद वह तप करते करते ज्ञान प्राप्त करता है औऱ ज्ञान प्राप्त करने के बाद ही उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। report: pankaj
पंच कल्याणक महोत्सव के तीसरे दिन तप कल्याणक महोत्सव की रही धूम















