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धनबाद के प्रतिष्ठित स्कूल में छात्राओं की शर्ट उतरवाने पर बवाल, अभिभावकों ने NCPCR से की शिकायत

डीसी की बैठक: "धनबाद की डीसी माधवी मिश्रा KA FILE PHOTO

ओम प्रकाश शर्मा, धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां 10वीं कक्षा की करीब 80 छात्राओं की शर्ट उतरवाने का मामला बवाल का कारण बन गया। इस घटना के बाद अभिभावक आक्रोशित हैं और उन्होंने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) से शिकायत कर स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

क्या है मामला?
गुरुवार को स्कूल का आखिरी दिन होने के कारण 10वीं की छात्राएं “पेन डे” मना रही थीं। इस दौरान छात्राएं एक-दूसरे की शर्ट पर शुभकामनाएं लिख रहीं थीं। लेकिन यह बात स्कूल प्रिंसिपल एम. देवश्री को नागवार गुजरी। उन्होंने न केवल छात्राओं को फटकार लगाई, बल्कि उन्हें शर्ट उतारने का आदेश भी दिया। इसके बाद छात्राओं को केवल ब्लेजर में घर भेज दिया गया।

घटना के बाद छात्राएं रोते हुए घर पहुंचीं और माता-पिता को पूरी बात बताई। अभिभावकों ने इस कृत्य को अपमानजनक और अमानवीय करार दिया है। उनका कहना है कि यह न केवल उनकी बेटियों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

अभिभावकों का विरोध
गुस्साए अभिभावकों ने धनबाद जिला प्रशासन और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) से शिकायत दर्ज करवाई है। उनका कहना है कि यदि स्कूल प्रबंधन को “पेन डे” मनाने पर आपत्ति थी, तो पहले उन्हें सूचित किया जाना चाहिए था। इसके बजाय, छात्राओं को इस तरह शर्मिंदा करना अनुचित और अस्वीकार्य है।

प्रशासन का रुख
घटना की सूचना मिलने पर धनबाद की उपायुक्त (डीसी) माधवी मिश्रा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। इस घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें अनुमंडल पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, समाज कल्याण पदाधिकारी, एसडीपीओ और स्थानीय थाना प्रभारी शामिल हैं। डीसी ने आश्वासन दिया है कि दोषी पाए जाने पर प्रिंसिपल और स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विधायक का बयान
स्थानीय विधायक रागिनी सिंह ने इस घटना को “शर्मनाक” और “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

अभिभावकों की मांग
अभिभावक प्रिंसिपल के तत्काल इस्तीफे और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं बच्चों पर गहरा मानसिक दबाव डाल सकती हैं और बोर्ड परीक्षा के समय यह और भी गंभीर समस्या बन सकती है।

NCPCR करेगा जांच
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने इस मामले का संज्ञान लिया है और स्कूल प्रबंधन से जवाब मांगा है। आयोग ने कहा है कि बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

यह घटना शिक्षा क्षेत्र में अनुशासन और बच्चों के अधिकारों के बीच संतुलन पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।