मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ को याद किया गया
BHARATTV.NEWS,आसनसोल, 27 अप्रैल,2022: मंडल रेल प्रबंधक श्री परमानंद शर्मा की अध्यक्षता में दामोदर सभाकक्ष में मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक समारोहपूर्वक संपन्न हुई,जिसमें अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी-सह-अपर मंडल रेल प्रबंधक-2 श्री बी.के.त्रिपाठी, अपर मंडल रेल प्रबंधक-। श्री एम.के.मीना, शाखा अधिकारीगण और राजभाषा अधिकारी अपनी टीम के साथ उपस्थित थे। सर्वप्रथम राजभाषा अधिकारी डॉ. मधुसूदन दत्त ने समिति सदस्यों का स्वागत किया। 24 अप्रैल,2022 को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पूण्य तिथि थी। राजभाषा की यह बैठक, उन्हीं की स्मृति को समर्पित थी। मंडल रेल प्रबंधक, अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी, अपर मंडल रेल प्रबंधक-।, शाखा अधिकारी राजभाषा अधिकारी और रेलकार्मिकों ने राष्ट्रकवि दिनकर की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। तदुपरांत दिनकर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित एक शोधपूर्ण ‘’पावर प्वाईंट प्रजेन्टेशन’ प्रस्तुत किया गया। इसकी सबने मुक्तकंठ से सराहना की।
दिनांक 21 मार्च,2021 को जसीडीह स्टेशन में ‘विश्व कविता दिवस’ के अवसर पर रेल कार्मिकों और उनके बच्चों के लिए ‘हिंदी काव्य-पाठ प्रतियोगिता’ आयोजित की गयी थी। उनमें सफल प्रतिभागियों ने आज के आयोजन में कविताओं का सस्वर पाठ किया। सुश्री लक्षिता सिंह सुपुत्री श्री अखिलेश कुमार/टीआइ/जसीडीह, सुश्री निकिता शर्मा/सुपुत्री श्री राजीव शर्मा/सहायक/रेलपथ कार्यालय/देवघर, सुश्री पूनम कुमारी/सुपुत्री श्री तुलसी यादव/तकनी./सिमुलतला तथा श्री शंकर कुमार केशरी/टीएम/सहा.इंजी.कार्यालय/ जसीडीह द्वारा प्रस्तुत प्रभावशाली काव्य-पाठ का आनंद सबने उठाया और नयी पौध की रचनात्मक ऊर्जा की प्रशंसा की। तदुपरांत मंडल रेल प्रबंधक श्री परमानंद शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार और प्रशस्ति-पत्र प्रदान करके सम्मानित किया।
अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी-सह-अपर मंडल रेल प्रबंधक श्री बी.के.त्रिपाठी ने अपने अभिभाषण में भी बच्चों की नैसर्गिक प्रस्तुतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ‘धन्य हैं वे माता-पिता, जिनकी ऐसी प्रतिभावान संतान हैं।‘ इस अवसर पर उन्होंने दिनकर की रचनात्मक उपलब्धियों को याद करते हुए उनकी कालजयी कृति ‘रश्मिरथी’ में सन्निहत ‘कृष्ण की चेतावनी’ का सस्वर पाठ किया। मंडल रेल प्रबंधक के साथ शाखा अधिकारियों ने करतल-ध्वनि से उनकी प्रस्तुति की सराहना की। मंडल वित्त प्रबंधक श्री प्रवीण कुमार ने दिनकर के कृतित्व की प्रासंगिकता को उद्धृत करते हुए उनकी सुप्रसिद्ध कविता ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है…..’ का पाठ किया।
इसके बाद मानक कार्यसूची के अनुरूप मदवार चर्चा के साथ राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक की कार्यवाही राजभाषा अधिकारी डॉ.दत्त द्वारा प्रारंभ की गयी। इसी क्रम में एक विशेष पावर प्वाईंट में हिंदी के प्रति प्रेरित करनेवाली कुछेक स्लाइड्स प्रस्तुत किए गए, जिसमें खास तौर पर हिंदी के प्रति समर्पित रहनेवाले ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा के बहुचर्चित इंटरव्यू क्लिप को दिखाया गया। इसी के अंत में एक माँ-बच्ची को केंद्र बना कर बनी ढाई मिनट की लघु फिल्म ने जबरदस्त छाप छोड़ी, जिसमें वह बच्ची बड़ी मासूमियत से कहती है – ‘……….कम-से-कम हमारे सपनों को तो, अपनी जुबाँ में रहने दो।‘
वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक श्री सरोज कुमार ने सुझाव दिया कि इस प्रकार साहित्यिक कार्यक्रम मंडल कार्यालय के साथ-साथ फील्ड के स्टेशनों में भी आयोजित हों ताकि वहाँ के कार्मिकों को राजभाषा के मंच से जोड़ा जा सके।
अपर मंडल रेल प्रबंधक-1 श्री एम.के.मीना ने अपने अभिभाषण में कहा कि आज के इस आयोजना की जितनी प्रशंसा की जाए,वह कम है। राजभाषा टीम से अनुरोध है कि अधिकारियों के बच्चों को भी लेकर एक कार्यक्रम तैयार किया जाए ताकि हमारे बच्चों में भी हिंदी के प्रति रुचि जाग्रत हो।
अध्यक्ष-सह-मंडल रेल प्रबंधक श्री परमानंद शर्मा ने राजभाषा टीम की भरपूर सराहना करते हुए कहा कि आज की बैठक का प्राण-तत्व इसकी विविधता थी। भावप्रवण होकर दिनकर को याद करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि जब मैं कक्षा नौ में था, तभी उनकी ‘रश्मिरथी’ मुझे कंठाग्र थी। उस जमाने में जब किसी प्रकार का सशक्त प्रचार-मीडियम नहीं था, उस जमाने में दिनकर की उक्तियाँ और काव्य-पंक्तियाँ घर-घर पहुँच जाया करती थीं। उनके आह्वान पर लाखों-लाख लोग जुट जाया करते थे। तो फिर आज के जमाने में, जब प्रचार-प्रसार के अनेक अत्याधुनिक साधन हैं तो फिर हिंदी को घर-घर पहुँचाने में क्या दिक्कत हो सकती है। मात्र हमारी रुचि और लगन की बात है। आप लोगों के ऊपर है कि आप इन साधनों का उपयोग राजभाषा हिंदी की खातिर किस प्रकार करते हैं। हमारे अपर मुराधि श्री त्रिपाठी और राजभाषा अधिकारी मधुसूदन दत्त के नेतृत्व में राजभाषा टीम इसके लिए प्रतिबद्ध है। बस आप लोगों का सहयोग चाहिए।
राजभाषा अधिकारी डॉ. मधुसूदन दत्त के धन्यवाद ज्ञापन के साथ यह आयोजन संपन्न हुआ।














