समिति ने दो बालकों को मिशनरीज ऑफ चैरिटी में किया आवासित
एक बालक खुद है ग्रसित तो दूसरे के पिता को हो गया है टीबी
Bharattv.News,दुमका। बाल कल्याण समिति ने टीबी रोग से ग्रसित मरीजों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। शुक्रवार को समिति के समक्ष टीबी रोग से ग्रसित एक आठ वर्षीय बालक और टीबी मरीज का दो साल के बेटे को प्रस्तुत किया गया। समिति ने दोनों बालकों को दुधानी स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी में आवासित कर दिया गया है। इनमें से टीबी ग्रसित पिता के बेटे को बालगृह में रखने का निर्देश दिया गया है जबकि टीबी ग्रसित बालक का आवासन बालगृह के अन्य बालकों से अलग करने का निर्देश दिया गया है। मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सिस्टर द्वारा दोनों बालकों को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, रंजन कुमार सिन्हा और डॉ राज कुमार उपाध्याय ने दोनों मामलों की सुनवायी की और बालकों की मां का बयान दर्ज किया। हिजला गांव में रहनेवाली दो वर्षीय बालक की मां ने बताया कि उसके पति को टीबी बीमारी हो गयी है जिस कारण वह बेहद बीमार और कमजोर हो गये हैं। उन्हें मिशनरीज ऑफ चैरिटी में रखा गया है जहां वह इलाजरत हैं। वह भी अपने दो वर्षीय बेटे और आठ वर्षीय बेटी के साथ मिानरीज ऑफ चैरिटी में रह रही है और पति की देखभाल करती है। उसकी दूसरी बेटी गांव में दूसरे के घर पर रह रही है। वह मजदूरी करती है। बच्चे के छोटा होने के कारण काम पर नहीं जा रही है और पति के देखरेख में भी कठिनाई हो रही है। 08 वर्षीय बालक की मां ने बताया कि उसके बेटे को टीबी हो गया है। वह उसका समुचित इलाज नहीं करा पा रही है इसलिए उसे समिति के समक्ष लेकर उपस्थित हुई है। समिति ने दोनों बालकों को सीएनसीपी घोषित करते हुए मिशनरीज ऑफ चैरिटी में आवासित कर दिया है। टीबी ग्रसित बालक और दो वर्षीय बालक के टीबी ग्रसित पिता को पौष्टिक भोजन देने और नियमित रूप से ईलाज करवाने का आदेश भी दिया गया है।
टीबी से ग्रसित मरीजों की मदद को सीडब्लयूसी ने बढ़ाया हाथ














