गया वन प्रमंडल में 4.64 लाख पौधों का सघन वृक्षारोपण अभियान , 17 किमी क्षेत्र आच्छादित
ओम प्रकाश शर्मा : गया /बिहार :आज दिनांक 24.08.2024 (शनिवार) को सुबह 9:00 बजे गया वन प्रमंडल, गया के अंतर्गत गया वन जलग्रहण क्षेत्र में गेन्ज पहुंची नदी हरा-भरा करने, उसे हरित आवरण प्रदान करने और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को मजबूत करने के उद्देश से वृक्षारोपण के लिए एक सघन पौधरोपण अभियान के अंतर्गत जैव विविधता पार्क, मानेपुर में, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा इस अवसर पर बताया गया कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव और पर्यावरण प्रदूषण के चलते वन क्षेत्र में हरित आवरण की कमी हो रही है, जिससे पर्यावरण असंतुलन उत्पन्न हो रहा है। वन विभाग के द्वारा गया के इस वन क्षेत्र में वर्षा जल के संग्रहण की संभावनाओं को बढ़ाने और जल की उपलब्धता को स्थायी रूप से बनाए रखने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उक्त पौधरोपण कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रजातियों के 4.64 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया गया, जिसमें नीम, पीपल, बरगद, सागवान, आंवला, आम, कटहल, अमरूद, बेल, जामुन, महुआ, सिरस, करंज, अर्जुन आदि के पौधे शामिल हैं।
वृक्षारोपण के दौरान इस वन क्षेत्र में वन विभाग के अधिकारियों ने पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण की महत्ता को बताया, साथ ही बताया कि वृक्षारोपण से न केवल हरित आवरण में वृद्धि होगी बल्कि इससे पर्यावरण में सुधार भी होगा। वृक्षारोपण के कार्यक्रम के तहत अभी तक कई स्थानों पर वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण किया गया है। वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान आम, आंवला, बेल, कटहल, जामुन, सिरस, अर्जुन, महुआ, नीम, पीपल, सागवान, आंवला, आंवला, अर्जुन के पौधों का रोपण किया गया। वृक्षारोपण के दौरान 17 किमी क्षेत्र को आच्छादित किया गया है। वृक्षारोपण के इस सघन अभियान से पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता में वृद्धि के प्रयास को बल मिलेगा।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा हरे-भरे आवरण की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए गया वन प्रमंडल के अन्य वन क्षेत्रों में भी वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है। इस अभियान के तहत 315 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है, जो पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ गया के जलग्रहण क्षेत्र को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा हरे-भरे आवरण को सुदृढ़ करने हेतु विभागीय अधिकारियों द्वारा जंगलों के संरक्षण और पर्यावरण की सुरक्षा के उद्देश्य से गया वन क्षेत्र के जलग्रहण क्षेत्रों में वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 17 हजार वृक्षों का पौधरोपण कर जंगलों को आच्छादित किया जा रहा है। पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन गया के मानेपुर और चिरकी के वन क्षेत्रों में भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान इस वन क्षेत्र में शीशम, सागवान, सागौन, अर्जुन, महुआ, सिरस, पीपल, बड़, कटहल, जामुन, सिरस आदि पौधों का रोपण किया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने जलग्रहण क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण हेतु वृक्षारोपण को जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण बताया, साथ ही जल संचयन हेतु मृदा एवं जल संरक्षण तकनीकों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया।
वृक्षारोपण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा हरे-भरे आवरण को सुदृढ़ करने हेतु जंगलों को आच्छादित करने के लिए गया वन प्रमंडल के अन्य क्षेत्रों में भी पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत गया वन प्रमंडल में पौधरोपण कार्य के माध्यम से जल संचयन की संभावनाओं को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इस कार्य में ग्रामीणों की भी भागीदारी सुनिश्चित की गई है और ग्रामीणों को हरा-भरा आवरण से लाभान्वित किया जाएगा।
पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा किये जा रहे इस सघन पौधरोपण कार्यक्रम के अंतर्गत गया वन प्रमंडल के अन्य वन क्षेत्रों में भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य किया जा रहा है। गया वन प्रमंडल के अंतर्गत विभिन्न वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है, जिसमें आम, कटहल, बेल, नीम, पीपल, सागवान, आंवला, अर्जुन, महुआ, सिरस आदि के पौधों का रोपण किया जा रहा है। वृक्षारोपण के इस सघन अभियान से जलग्रहण क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। साथ ही, ग्रामीणों को भी इससे लाभान्वित किया जाएगा।














