समाहरणालय में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक—2025-26 में गया को मॉडल कृषि जिला बनाने की तैयारी तेज
ओम शर्मा, गया, 01 दिसंबर 2025। समाहरणालय सभाकक्ष गया में सोमवार को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत जिला कार्ययोजना तैयार करने हेतु एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय बैठक आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव कुणाल ने की। बैठक में जिला पदाधिकारी गया शशांक शुभंकर सहित कृषि एवं संबद्ध विभागों के जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया। बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में देश के 100 जिलों में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना लागू करने की स्वीकृति मिली है, जिनमें बिहार के केवल सात जिले शामिल हैं और गया उनमें से एक है। योजना के अंतर्गत 11 विभागों की कुल 36 योजनाओं को समेकित रूप से जोड़कर जिला विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया गया है। कृषि विभाग को इस योजना का नोडल विभाग बनाया गया है और इसके साथ कृषि विज्ञान केंद्र, पशुपालन, मत्स्य, गव्य एवं डेयरी, सहकारिता, जल संसाधन, भूमि संसाधन, उद्योग, ग्रामीण विकास तथा कौशल विकास विभागों की सभी योजनाओं को एकीकृत कर जिलास्तरीय कार्ययोजना विकसित की जा रही है। नीति आयोग द्वारा योजना के प्रभावी अनुश्रवण के लिए 119 प्रदर्शन सूचकांक निर्धारित किए गए हैं जिनके आधार पर जिलों की रैंकिंग तय की जाएगी। बैठक के दौरान जिला कृषि पदाधिकारी ने जानकारी दी कि जिले में कुल 3,09,497 किसान पंजीकृत हैं, जिनमें से 3,08,858 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त हो रहा है। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक ने बताया कि जिले में 34 किसान उत्पादक संगठन (FPO) पंजीकृत हैं, जिनमें से 11 संगठनों को बैंक क्रेडिट लिंक उपलब्ध कराया जा चुका है। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत जिले में 15 क्लस्टरों में प्राकृतिक खेती संचालित की जा रही है, जिससे 1,875 किसान लाभान्वित हो रहे हैं। जिला पशुपालन विभाग ने बताया कि जिले में 57 पशु चिकित्सालय संचालित हैं और वर्ष 2025 में 9,00,936 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। वहीं काम्फेड द्वारा जिले में 06 बल्क मिल्क कूलर स्थापित किए गए हैं तथा 255 दुग्ध परीक्षण उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। जिला सहकारिता विभाग ने जानकारी दी कि जिले के 141 पैक्स का डिजिटलीकरण पूर्ण कर लिया गया है। बैठक में जिला पदाधिकारी शशांक शुभंकर ने सभी 11 विभागों को निर्देश दिया कि वे आगामी एक सप्ताह के भीतर अपने-अपने विभागीय आधारभूत सर्वेक्षण आंकड़ों को समेकित कर जिला कार्ययोजना को अंतिम रूप दें। बैठक के अंत में भारत सरकार के संयुक्त सचिव कुणाल ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का मूल उद्देश्य कृषि और उससे जुड़े सभी 11 विभागों की योजनाओं को परस्पर जोड़ते हुए एकीकृत रूप से क्रियान्वित करना है, ताकि जिले के किसानों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके और गया जिले को कृषि-आधारित विकास के मॉडल के रूप में स्थापित किया जा सके।













