चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नही होने से उठ रहे हैं पुलिस पर सवाल
मिहिजाम। वर्ष 2017 में कृषि ऋण चुकाने की आड़ में 2 करोड़ के एसबीआई गोल्ड लोन के घोटाले में एसबीआई मिहिजाम में नकली सोना गिरवी रखकर दो करोड़ रुपए का कृषि गोल्ड लोन लेने और पुलिस द्वारा पांच लोगों पर चार्जशीट करने के बाद भी आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होना कहीं न कहीं पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा हो रहे हैं।
जब इस बारे में जामतारा एसपी दीपक कुमार सिन्हा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने पहले कहा कि पुराना मामला है फ़ाइल देख कर कुछ कहा जा सकता है. गौरतलब है कि लोन लेने के दौरान चिरेकाकर्मियों ने बैंक में जमानत के तौर पर नकली सोना जमा करा दिया था। बाद में उक्त सोना की जांच तत्कालीन बैंक मैनेजर ने कराया तो पता चला कि सोना गुणवत्ता के अनुरूप नहीं है। बैंक कर्मी की ओर से सोने की गुणवत्ता पर सवालिया निशान उठाते हुए लोन के नाम पर एक करोड़ से अधिक का घोटाला किया है। प्राथमिकी के अनुसार बैंक में लोन के बदले नकली सोना गिरवी रखा गया था। बैंक द्वारा कुल 39 लोगों को यह लोन दिया गया था। जिसमें से 21 लोगों ने पुलिस की कार्रवाई और बैंक के द्वारा दबाव बनाए जाने के बाद अपना लोन जमा कर एनओसी ले लिया और पुलिसिया कार्रवाई से अपने आप को बचा लिया। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस घोटाले में अधिकांश चिरेकाकर्मी शामिल हैं। जिनमें कुछ चिरेकाकर्मी और उनकी पत्नी के नाम भी दर्ज हैं। जिन्होंने नकली सोना देकर बैंक से फर्जी तरीके से कृषि गोल्ड लोन हासिल कर लिया था।
इस बैंक घोटाले के बाबत मिहिजाम थाना में तत्कालीन ब्रांच मैनेजर हरेंद्र कुमार ने भादवि की धारा 419, 420, 467, 468 के तहत थाना कांड संख्या 181/17 दर्ज कराया है।
बैंककर्मी सहित पांच के विरुद्ध पुलिस ने किया चार्जशीट दाखिल:
गोल्ड लोन घोटाला में तत्कालीन बैंक मैनेजर सौमेन्द्र विजय, कांजीलाल के अलावे चिरेकाकर्मी जयशंकर सिंह, अरविंद कुमार और श्याम बहादुर रावत के विरुद्ध 2020 में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इसके बावजूद पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
















