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आरोप : सिंचाई विभाग की लापरवाही, हो रही दुर्घटना

स्थानीय लोगों की मांग: विभाग शीघ्र नहर मरम्मती कार्य प्रारंभ करे और पीड़ितों को मुआवजा और न्याय दे

विन्दापाथर: फतेहपुर प्रखण्ड अन्तर्गत विन्दापाथर थाना क्षेत्र के लायजोरी गांव में एक बहुत बड़ी दुर्घटना गत दिन रविवार को घटित हो गया। जिसमें युवक के दोनों हाथ और एक पैर टूट गया। घटनास्थल लाइजोरी गांव से गुजरती अजय बाराज नहर के टूटे मेढ़ के पास की घटना है।घटना के सम्बन्ध में ग्रामीणों का कहना है कि निताय यादव नामक युवक अपने गांव बुधनाडीह से लाइबनी गांव अपने रिश्तेदार लालमोहन चौधरी के यहां जा रहा था।वह नहर के मेढ़ में बने रास्ते से एक आध बार आना जाना कर चुका था। इस लिए वह उसी नहर के मेढ़ पर मोटरसाइकिल से जा रहा था। उसे मालूम ही नहीं था कि नहर का मेढ़ भारी वारिस से टूट चुका है। वह मोटरसाइकिल से अचानक टूटे मेढ़ तक पहुंचने पर घबरा गया और सम्भल नहीं पाया। जिससे वह मोटरसाइकिल के साथ कटे हुए मेढ़ पर से अचानक नीचे गिर गया। इस दुर्घटना से निताय यादव की दोनों हाथ और एक पैर टूट गया। स्थानीय लोगों ने उसके रिश्तेदार लालमोहन चौधरी के परिवार को इसकी सूचना दी। जिसे सुनकर लालमोहन चौधरी ने उसे शीघ्र एम्बुलेंस से जामताड़ा अस्पताल इलाज हेतु लेकर गया। जहां उसे बेहतर इलाज हेतु धनबाद रेफर कर दिया गया। अभी वह इलाजरत है।


ज्ञात रहे यह अजय बाराज नहर सिकटीया से निकल कर देवघर जिला के कुछ गांवों से होकर जामताड़ा जिला के नाला फतेहपुर और कुण्डहित प्रखण्ड के आम्बा गांव तक पहुंचती है। जिसमें लाइबनी गांव लाइजोरी गांव भी (फतेहपुर प्रखण्ड) में शामिल है। स्थानीय लोगों का आक्रोश काफी बढ़ा हुआ है।वह इस लिए कि लगातार तीन दिनों तक वारीस में जब यह मेढ़ टूटा तो सैकड़ों एकड़ जमीन पर लगे फसल नष्ट हो गया था। पीड़ितों ने तब सिंचाई विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी और फसल नष्ट होने की क्षति पुर्ति मुयावजे की मांग की थी। जिसपर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अनसुना कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग के जे ई,ए ई और आला-अधिकारी के मिली भगत से नहर निर्माण में अनियमितता वर्ती गई थी। बुद्धिजीवी वर्ग का आरोप है कि नहर निर्माण कार्य में जहां मिट्टी फिलिंग (भरना) करना था वहां ओर नीचे मिट्टी काटकर ज्यादा ऊंचाई मेढ़ दिखाया गया है। और जहां कटींग (खोदना) था उसकी गहराई ज्यादा गहरा दर्शाया गया था जिसके कारण आज तक यह नहर हर साल कुछ न कुछ और कहीं न कहीं टूटते रहता है। लोगों को और विस्थापितों को आज तक सिंचाई का सही लाभ नहीं मिल पाया है। लोग धान गेहूं, सरसों, सब्जियों को मेहनत कर पूंजी निवेश कर खेती करते हैं मगर सिंचाई के अभाव में सही लाभ नहीं उठा पाते हैं। इसलिए वे अधिक आक्रोशित हैं कि उनके जमीन भी इस नहर निर्माण में चला गया है। स्थानीय लोगों की मांग है कि विभाग शीघ्र नहर मरम्मती कार्य प्रारंभ करे और पीड़ितों को मुआवजा और न्याय दे। इस अवसर पर ग्रामीण आताउल अन्सारी, लाल मोहन चौधरी, काशी नाथ महतो, दुर्गा पण्डित, विष्णु चौधरी,भीम महतो, सहित कई अन्य लोग भी उपस्थित थे।