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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आज क्या करें

30 मिनट तक योग कर मजबूत करें प्रतिरक्षा तंत्र , साथ में सात्विक भोजन भी बेहद जरूरी

ओम प्रकाश शर्मा ,जामताड़ा । जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त जामताड़ा गणेश कुमार ने कल दिनांक 21 जून 2020 को होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कि ढेर सारी शुभकामनाएं जिले वासियों को दी है । उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस को खत्म करने का बिल्कुल सटीक इलाज अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाया है, लेकिन कुछ जानकारों की राय है कि कोरोना से डरने की बजाय अपना प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) सुधार करने से हम इसके प्रभाव साथ ही अन्य बीमारी से भी खुद को बचा सकते हैं। योग करने के शारीरिक एवं मानसिक दोनों फायदे है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत भारत सरकार द्वारा की गई थी। पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को दुनियाभर में मनाया गया था। कल हम लोग छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मानने जा रहे हैं। सभी अपने अपने घरों/खुले मैदानों या अन्य जगहों में योग करेंगे। साथ ही सोशल डिस्टेंस का पालन अवश्य करेंगे।

इम्यून सिस्टम सुधारने में योग लाभदायक साबित हुआ

जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त जामताड़ा गणेश कुमार ने कल दिनांक 21 जून को होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कि ढेर सारी शुभकामनाएं जिले वासियों को दी है ।

उपायुक्त ने कहा कि जानकारों का दावा है कि अगर हम प्रतिदिन मात्र 30 से 40 मिनट योग करें तथा सात्विक आहार ग्रहण करें, तो किसी भी संक्रामक रोग के खिलाफ आवश्यक प्रतिरोधी क्षमता पैदा किया जा सकता है। इससे शरीर में किसी भी रोग से लड़ने की क्षमता पैदा हो जाती है और कोई भी संक्रामक रोग हमें आसानी से अपना शिकार नहीं बना पाता।

योग को करें अपने दिनचर्या में शामिल

उपायुक्त ने जिले वासियों से अपील की वे योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। योग का शरीर पर उचित असर हो, इसके लिए लोगों को सात्विक भोजन भी करना चाहिए। मांसाहार या गरिष्ठ भोजन का ज्यादा प्रयोग करने से बचना चाहिए क्योंकि यह जल्दी पच नहीं पाता है, जिससे अन्य विकार पैदा होने की संभावना बन सकती है। इसलिए इससे बचने की कोशिश करनी चाहिए।

प्रशिक्षित योग गुरु की मदद से करें योग

उपायुक्त जामताड़ा ने सलाह देते हुए कहा कि योग की शुरुआत किसी प्रशिक्षित योग गुरु की निगरानी में ही की जानी चाहिए। बीमार, श्वसन और हृदयरोग से परेशान किसी व्यक्ति को किसी यौगिक क्रिया से नुकसान भी हो सकता है, इसलिए कुछ क्रियाएं बिना गुरु की निगरानी में नहीं की जानी चाहिए। साथ ही जिन्हे रीढ़ से संबंधित गंभीर समस्या हो, उन्हें योग क्रियाओं से बचना चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि योग के दौरान श्वास तेज चलने लगती है, इसलिए नसिका का साफ होना आवश्यक है। इसके लिए जलनेति यंत्र से हल्का सहनीय गर्म जल एक नासिका के डालकर दूसरी नासिका से निकाला जाता है। लेकिन इसका ध्यान रखें किसी प्रशिक्षित योग गुरु से सीखने के बाद ही इसका प्रयोग करें।
उन्होंने बताया कि जलनेति के बाद सूक्ष्म व्यायाम से योगिक क्रियाओं की शुरुआत की जानी चाहिए। इससे शरीर में गर्मी बढ़ती है और शरीर भारी योगिक क्रियाओं के लिए तैयार होता है। इसके लिए गर्दन, कलाई, रीढ़, घुटने और एड़ी से जुड़ी हल्की शारीरिक योगिक क्रियाएं की जा सकती हैं।

हल्की दौड़, अपनी जगह पर खड़े होकर उछलना या हल्की तेज गति से टहलना भी लाभदायक

व्यक्ति को आसनों का उपयोग करना चाहिए जैसे ताड़ासन, कटिचक्रासन, त्रिकोणासन, उष्ट्रासन, शशांकासन, जनभुजंगासन, शव आसन और मकरासन काफी उपयोगी हैं। थोड़े से प्रयास से इन्हें किया जा सकता है। इसके अलावा व्यक्ति को प्राणायाम में नाड़ी शोधन और भ्रामरी करना चाहिए जो प्रतिरोधी तंत्र के विकास में बेहद उपयोगी होता है।

योग में ध्यान की भूमिका बेहद अहम

आसनों के बाद योग में ध्यान की भी बेहद अहम भूमिका होती है। जितने समय हो सके, व्यक्ति को ध्यान अवश्य लगाना चाहिए। इसके लिए 20 मिनट के समय से शुरुआत की जा सकती है। यह पूरी प्रक्रिया लगभग 30 से 40 मिनट में संपन्न की जा सकती है।शारीरिक क्रियाओं को एक सीमा से अधिक नहीं बढ़ाना चाहिए।