
पंजाब। बुधवार को एसजीपीसी की कार्यकरणी कमेटी की मीटिंग में अहम मुद्दों पर बात हुई है जिसमे पिछले दिनी किसान संघर्ष में मारे गए किसानों के लिए शोक प्रस्ताव पास किए गए हैं और बीते दिनों ऑस्ट्रिया में सिख धर्म को मान्यता दिए जाने पर ऑस्ट्रिया की सरकार का धन्यवाद किया गया। ननकाना साहिब में शहीद हुए लोगों की याद में शहीदी समागम होने मुख्य समागम अमृतसर में होगा। पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब में शहीदी समागम बड़े स्तर पर होगा। गुरु तेग बहादुर जी के 400 साला प्रकाश पर्व को लेकर समागम होंगे और बताया गया कि प्रधानमंत्री से संबंध ठीक नहीं होने के कारण शताब्दी समारोह के आमंत्रित नहीं किया जाएगा ।
एसजीपीसी के प्रबंधों के अधीन गुरद्वारे साहिब में सोलर सिस्टम लगाए जाएंगे जिससे एसजीपीसी को करोड़ो रूपये के बिजली बिल की बचत होगी और स्टीम किचन ओर भी विचार किया जाएगा और गुटद्वारों के वेस्टेज से भी गते और कागज बनाने के लिए प्रोजेक्ट लगाया जाएगा। साका ननकाना साहिब के शताब्दी समारोह के लिए पाकिस्तान जाने के लिए श्रद्धालूयों से पासपोर्ट मांगे गए है और पाकिस्तान सरकार से अपील करते है कि सिख श्रद्धालूयों को ज्यादा से ज्यादा वीजे दे।
करतारपुर कॉरिडोर पर कहा कि देश मे सभी धार्मिक स्थल खुल गए हैं और पाकिस्तान की तरफ से भी करतारपुर साहिब दर्शनों के लिए खोल दिया गया है अब भारत सरकार को भी संगत के लिए करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोल देना चाहिए। किसान मोर्चे में एसजीपीसी द्वारा हर तरह से सहयोग किया जा रहा है और आगे भी जारी रहेगा और केंद्र सरकार को चाहिए कि किसानों की मांगे जल्द माने ताकि किसान अपने घरों को वापिस आ सकें ।
पंजाब रोडवेज पुनबस और पेंशनर्स यूनियन अमृतसर वन और टू की संयुक्त एक्शन कमेटी ने अपने ही कर्मचारियों को धमका कर पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया
”कर्मचारी परिवहन मंत्री बेटियों की मांगों के प्रति गंभीर नहीं हैं ”
पंजाब। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पंजाब रोडवेज PUNBUS के श्रमिकों में बहुत नाराजगी थी कि परिवहन मंत्री ने 15 दिसंबर 2012 को एक्शन कमेटी और PUNBUS कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की बैठक का समय दिया था बैठक कदाचार के बहाने आयोजित नहीं की गई थी और शीर्ष अधिकारियों द्वारा आयोजित की गई थी। एक हफ्ते बाद बैठक का समय परिवहन मंत्री द्वारा दिया गया था लेकिन यह मंत्री द्वारा आयोजित नहीं किया गया था जो यह साबित करता है कि कर्मचारी परिवहन मंत्री बेटियों की मांगों के प्रति गंभीर नहीं हैं। यह निर्णय मंत्रिमंडल द्वारा 30 दिसंबर 2012 को दस अलग.अलग सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरकर लिया गया। नए कर्मचारियों को भर्ती करने का निर्णय कर्मचारियों और पेंशनरों की उम्मीदों को पूरा करता है। यदि सरकार केवल विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरेगी तो अनुबंध के आधार पर काम करने वाले विभिन्न विभागों के कच्चे कर्मचारी कहाँ होंगे. सरकार घर.घर नौकरी देने का वादा करेगी बेरोजगारी बढ़ेगी पंजाब सरकार हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर पंजाब के कर्मचारियों और पेंशनरों को धोखा दे रही है और जब केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी का भुगतान किया जाएगा तो डीए की किस्तों का भुगतान किया जाएगा और छठे वेतन आयोग का भुगतान 1 जनवरी 2000 को किया जाएगा। इसे 16 तारीख से लागू किया जाना था लेकिन अगर सरकार ने पंजाब के कर्मचारियों और पेंशनरों को दो हजार और एक जनवरी तक का वेतन दिया है तो उस तारीख और तारीख को इसके अलावा और कुछ नहीं मिला है। बाइट . गुरचरण सिंह पेंशन यूनियन अध्यक्ष, बाइट . अजय कुमार महासचिव पंजाब
भारी बारिश, जोरदार शीत लहर, त्रपालें फट जाने, पंडालों में पानी भर जाने के बावजूद लोगों में रोह और जोश बढ़ा
केन्द्र से वार्ता बेनतीजा रही, किसानों की दलीलों का जवाब ना दे पाना केन्द्र की नैतिक हार
अमृतसर: के जंडियाला में किसान बिल के वरोध को 105 दिन हो चले है, लेकिन भारी बारिश, जोरदार शीत लहर, त्रपालें फट जाने, पंडालों में पानी भर जाने के बावजूद किसानों में रोह और जोश बढ़ा देखा गया हैं, बेशक किसानों मजदूरों की हर रोज़ शहादतें हो रही हैं, लेकिन इस तरह की मुशक्लों के बावजूद भी दिल्ली मोर्चे में लोक उत्साह में हैं। केन्द्र सरकार से 4 जनवरी की वार्ता बेनतीजा रही है। इस समय केन्द्र सरकार का रुख़, आंदोलन के प्रति संजीदा नहीं है। केन्द्र की नीती से ज़ाहर हो रहा है कि 8 जनवरी को होने वाली मीटिंग में से भी कुछ हासिल होने वाला नहीं
किसानों के प्रधान सलविंदव्र सिंह निर्मल सिंह पुनिया नेताओं ने पंजाब के संघर्षशील किसानों-मज़दूरों से अपील की है कि वह लंमें संघर करें। 26 जनवरी 2021 की ट्रैक्टर प्रेड की तैयारी की मुहिम तेज की जाए। इस आंदोलन को और विशाल और बड़े सत्र पर लेकर जाना होगा, सरकार के हर ज्बर का मुकाबला सबर से करना होगा, इस के लिए गांवों में बड़े सत्र पर धन जुटाना होगा और सभी संघर्षशील लोगों की इस के लिए तैयारी करनी पड़ेगी, इस समय पिद्दी और सुखविन्द्र सिंह सभरा ने कहा कि मीटिंग में केन्द्र सरकार किसानों की दलीलों का कोई भी तसलीबखश जवाब नहीं दे पाए। यह सब सरकार की नैतिक हार का प्रगटावा है। लेकिन इसके बावजूद भी केन्द्र सरकार अभी तक अपने अड़ीअल विवहार पर बजिद है।पंजाब की भाजपा इकाई के नेताओं के खिलाफ लोगों के बढ़ रहे आकरोष को पंजाब का माहौल होने के दावे के तौर पे पेश कर रही है. यह आंदोलन को बदनाम करने की चाल है, जब कि यह आंदोलन पूरी तरह से शांतमई चल
रहा है Bite – सलविंदव्र सिंह Bite – निर्मल सिंह पुनिया
शहीद किसान अमरीक सिंह की याद में अखण्ड पाठ का भोग डाला गया
पंजाब। परिजनों के मुताबिक कृषि कानून के खिलाफ जंग लड़ रहे कई किसानों को जान गंवानी पड़ी। इन्ही में से एक है अमरीक सिंह जो अमृतसड के टोल प्लाजा में किसानी संघर्ष के दौरान टेंट ले जाते समय उनकी मौत हो गयी। इस मौके पर शहीद हुए किसान अमरीक सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जो अपने पैतृक गांव बिशनभरपुरा में किसान संघर्ष के दौरान मौत हुई थी। इस अवसर पर पिंगलवाड़ा संस्था की मुख्य सेविका डॉ। इंद्रजीत कौर और क्षेत्र के कई किसान नेताओं और निवासियों ने शहीद अमरीक सिंह को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर किसान नेता ने कहा कि किसान संघर्ष को लोकतंत्र को बचाने का संघर्ष बताया और सभी को इसमें भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई किसानों और पूंजीपतियों के बीच है । उन्होंने भगवान के चरणों में प्रार्थना की कि सत्य और न्याय की इस लड़ाई में जीत किसानों की होगी।
किसान नेता सरपंच दिलबाग सिंह ने कहा कि शहीद अमरीक सिंह ने 90 दिनों से अधिक समय तक मनावाला टोल प्लाजा में चल रहे धरने को अपना पूरा समर्थन दिया था और उसी दौरान एक दुर्घटना में अपनी जान गंवा दी थी। इसके बावजूद अमरीक सिंह का परिवार का हौंसला टूटा नही है और किसान संघर्ष को हर संभव समर्थन देने के लिए तैयार है। बाइट। सरपंच दिलबाग सिंह किसान नेता













