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पूरे देश में मानसून ने 26 जून 2020 को दस्तक दी जो इसकी सामान्य तिथि (8 जुलाई) से 12 दिन पहले था

The Minister of State for Power, New & Renewable Energy (Independent Charge) and Skill Development & Entrepreneurship, Shri Raj Kumar Singh holding a Press Conference on “Electricity (Rights of Consumers) Rules, 2020” through video conferencing, in New Delhi on December 21, 2020.

WWW.BHARATTV.NEWS: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र ने ‘दक्षिण-पश्चिमी मानसून 2020’ के सीजन की अंतिम रिपोर्ट जारी की है।

रिपोर्ट में निम्नलिखित महत्वपूर्ण विशेषताओं को शामिल किया गया है:

पूरे देश में 2020 (जून-सितंबर) के दौरान मौसमी बारिश 2020 की लंबी अवधि का औसत (एलपीए) का 109फीसदी रहा। यह 1994 के 112फीसदी एलपीए और 2019 के 110फीसदी एलपीए के बाद तीसरा सबसे अधिक औसत था।

उत्तर पश्चिमी भारत, मध्य भारत, दक्षिण प्रायद्वीप और पूर्वोत्तर भारत में मौसमी बारिश और उनसे संबंधित एलपीए क्रमश: 84फीसदी, 115फीसदी, 130फीसदी और 106फीसदीरहा।

36 मौसम उपखंडों में से, 2 उपखंडों में (देश के कुल क्षेत्रफल का 5 फीसदी) बहुत भारी बारिश हुई, 13 उपखंडों में  (देश के कुल क्षेत्रफल का 35 फीसदी) अधिक बारिश हुई, 16 उपखंडों में  (देश के कुल क्षेत्रफल का 45 फीसदी) सामान्य मौसमी बारिश हुई और 5 उपखंडों में  (देश के कुल क्षेत्रफल का 15 फीसदी) मौसम के दौरान कम बारिश हुई।

पूरे देश में मासिक बारिश एलपीए का योगदान जून में एलपीए 118 फीसदी, जुलाई में एलपीए 90 फीसदी, अगस्त में एलपीए 127 फीसदी और सितंबर में एलपीए 104 फीसदी था।

दक्षिण पश्चिम मानसून 17 मई 2020 को दक्षिण अंडमान सागर और निकोबार द्वीप समूह पर पहुंचा था (अपनी सामान्य तिथि से 5 दिन पहले), लेकिन बाद में इसकी रफ्तार सुस्त हो गई। एक जून को इसने केरल में दस्तक दी थी जो इसकी सामान्य तिथि थी। पूरे देश में मानसून ने 26 जून 2020 को दस्तक दी जो इसकी सामान्य तिथि (8 जुलाई) से 12 दिन पहले था।

उत्तर पश्चिम भारत के पश्चिमी भागों से मानसून 28 सितंबर 2020 को वापसी लौटना शुरू हो गया जो अपनी सामान्य तारीख 17 सितंबर 2020 के मुकाबले 11 दिनों की देरी से लौटा। दक्षिण पश्चिम मानसून 28 अक्टूबर 2020 को पूरे देश से वापस चले गया था। सीजन के दौरान, 1 से 4 जून के दौरान एक गंभीर चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ ने दस्तक दी। इस साल भी सीजन के दौरान मानसून के गहरे दबाव का असर नहीं देखने को मिला।

इस वर्ष केरल में मॉनसून की शुरुआत का पूर्वानुमान सही था, जो 2005 में केरल से शुरु किए गए पूर्वानुमान के बाद से लगातार पंद्रहवां (वर्ष 2015 को छोड़कर) सही पूर्वानुमान है। केरल में मानसून की शुरुआत की पूर्वानुमान तिथि 5 जून थी जिसमें ± 4  दिनों के अंतर था और केरल में मॉनसून की शुरुआत की वास्तविक तारीख इस वर्ष 1 जून थी।

पूरे मौसमी सीजन के लिए पूरे देश में बारिश के लिए पुर्वानुमान तीन व्यापक एकरूपता वाले भौगोलिक क्षेत्रों (मध्य भारत, पूर्वोत्तर भारत और दक्षिण प्रायद्वीप) के लिए किया गया था। पूरे देश में अगस्त की बारिश के लिए पूर्वानुमान औरमानसून के मौसम की दूसरी छमाही की बारिश को वास्तविक बारिश के संबंध में कम करके आंका गया। जबकि जुलाई के दौरान पूरे देश के लिए बारिश का पूर्वानुमान और उत्तरपश्चिम भारत की मौसमी बारिश पूर्वानुमान, वास्तविक बारिश की तुलना में कम करके आंका गया।