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चिरेका में अनाधिकृत रूप से रहनेवालों को सम्पदा विभाग ने जारी किया नोटिस

चित्तरंजन थाना के समक्ष तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन

ओम शर्मा, चित्तरंजन। दिनांक 19 जून 2020 को चिरेका के सम्पदा अधिकारी द्वारा जारी नोटिस संख्या ईओ/ सीएलडब्ल्यू/यूएन/स्ट्रक्ट/पीटी़.चार में अनाधिकृत रहने वालों के सार्वजनिक परिसर की धारा 5ए की उपधारा 2 के प्रावधान के तहत नोटिस 1971 के अधिनियम के अनुसार जारी किये जाने से चिरेका रेल नगरी में हड़म्प मच गया है।
नोटिस में कहा गया है कि अधोहस्ताक्षर निर्दिष्ट जमीन पर सार्वजनिक परिसर में भवन संरचना स्थिरता को खड़ा किया गया है।

माल, मवेशी, जानवर को उस सार्वजनिक परिसर में निर्धारित स्थान पर लाया जाता है जो निर्दिष्ट धारा के प्रावधान के उल्लंघन में हैं। कहा गया है कि भवन संरचना,स्थिरता, मवेशी लाया गया पशु उक्त परिसर से हटा दिया जाना चाहिए। जारी नोटिस में आगे कहा गया है कि बिना किसी अधिकार के निर्धारित अनुसूची से अधिक कठिन संरचना बनाकर रेलवे परिसर का अतिक्रमण किया गया है।

इसलिए 10 जंलाई से पहले यह दिखाने के लिए कि ऊपर बताई गई तारीख पर या उससे पहले इसे क्यों नहीं हटाया जाना चाहिए। उपरोक्त निर्दिष्ट अवधि के भीतर इस नोटिस का अनुपालन करने में आपके इनकार या विफलता की स्थिति में उक्त माल, पशु ,मवेशी को एस्टेट अधिकारी या उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी द्वारा हटा दिया जाएगा और इस तरह के निष्कासन की लागत वसूल की जाएगी।

चित्तरंजन थाना के समक्ष तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन

चित्तरंजन। सोमवार रात चित्तरंजन थाना में तृणमूल कांग्रेस द्वारा चित्तरंजन थाना प्रभारी को एक पत्र सौंपकर लोगों को राहत पहुंचाने की गुहार लगायी गयी है। पत्र में कहा गया है कि चित्तरंजन के एरिया 7 के सिमजुरी तथा एरिया 1 के फतेहपुर में 30 सालों से गरीब लोग रह रहे हैं। वहां उनका वोटर कार्ड और राषन कार्ड भी है। जहां लगभग एक सौ परिवार रहते हैं जिसमें लगभग चार सौ 65 सदस्य है। लाॅकडाउन के दौरान यहां के वाइस वार्र्डेन और चिरेका के महिला कल्याण संगठन ने हमारी मदद भी की। मौके पर श्यामल कुमार गोप, देबू ,तापस चैधरी सहित बड़ी संख्या मे तृणमूल नेता मौजदू थे।

गरीबों को बेघर न करें चिरेका प्रशासन-उमेश मंडल

मामले में चिरेका श्रमिक संगठन के नेता सह वाइस वार्डेन उमेष मंडल ने बताया कि लाॅकडाउन के इस स्थिति में लोगों को बेधर करना कहां का न्याय है। चिरेका प्रषासन को इस आदेष को वापस लेना चाहिए। हमलोग गरीबों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। लाॅकडाउन के समय लोगों को अगर निकाला जाएगा तो वे लोग कहां जाएंगे अभी तो कोई उन्हें भाड़े में घर भी नहीं देगा वैसे भी बीते 3 महीनों से लोगों का रोजगार भी बंद हैं। जिन लोगों को नोटिष मिला है वे लोग यहां के क्वार्टरों में बर्तन मांजकर, घरों की सफाई , नाले की सफाई कर अपना गुजारा करते हैं। चिरेका के सम्पदा अधिकारी द्वारा जारी नोटिस संख्या ईओ/ सीएलडब्ल्यू/यूएन/स्ट्रक्ट/पीटी़.चार में अनाधिकृत रहने वालों के सार्वजनिक परिसर की धारा 5ए की उपधारा 2 के प्रावधान के तहत नोटिस 1971 के अधिनियम के अनुसार जारी किये जाने से चिरेका रेल नगरी में हड़म्प मच गया है।