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सरकारी उदासीनता का शिकार अब तक कानगोई पहाड़ नहीं बन सका पर्यटक स्थल नई सरकार से बंधी लोगों की आश

फोटों  कानगोई पहाड़ पर्यटक स्थल।

 मिहिजाम।  जामताड़ा जिला के मिहिजाम शहर में कई ऐसे रमनीय स्थान है जहां सरकार अपने प्रयास से इन्हें पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कर सकता है। लेकिन इस दिशा में अब तक धरातल पर कोई सकरात्मक परिणाम सामने नहीं आया है। पश्चिम बंगाल सीमा से सटे मिहिजाम नगर परिषद क्षेत्र के 20 नंबर वार्ड स्थित हांसीपहाड़ी कानगोई पहाड़ को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार के पास पांच साल पूर्व ही प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं लेकिन सफलता अब तक हाथ नहीं लगी है। कानगोई पहाड़ परिसर को पर्यटक स्थल के रूप में अगर विकसित करने में सरकार सफल होती  तो न सिर्फ स्थानिय लोगों को रोजगार मिलता बल्कि शहर के लोगों को भागदौड़ भरी जिन्दगी से यहां आकर थोड़ा  मानसिक शांति और सकुन भी मिल सकेगा। कई बर्षो से मिहिजाम के लोग कानगोई पहाड़ को पर्यटक स्थल के रूप में देखने के लिए निगाह गड़ाये बैठे हैं। पूर्व में जिला प्रशासन ने कानगोई पहाड़ को पर्यटक स्थल के रूप में विकरित करने की योजना भी बनायी थी। इसके लिए 1करोड़ 74 लाख की लागत का प्रक्कलन भी तैयार किया गया था। इतना ही नही पूर्व विधायक विष्णु प्रसाद भैया ने कानगोई पहाड़ को पर्यटक स्थल का दर्जा दिलाने को लेकर विधानसभा में भी अपनी आवाज बलुन्द की थी। प्राथमिक तौर पर पहाड़ के आसपास पार्किंगं स्थल, पेयजल, प्रकाश की सुविधा, चाय नास्ता और भोजन के लिए दुकानों की व्यवस्था करनी थी। पहाड़ी पर फुल-पत्तियों के बगीचे एवं नारियल के पेड़ लगाना था, पर्यटको के लिए शौचालय के अलावा बच्चों के लिए अलग से पार्क का निर्माण करना था। पशु पक्षियों के लिए भी पार्क बनाने की बात थी। मुख्य सड़क से पर्यटक स्थल के पार्किगं के लिए पीसीसी पथ का निर्माण कराना था। इन सभी कार्य के लिए जिला प्रशासन ने डीपीआर बना कर पर्यटन विभाग को भेजा दिया था लेकिन डीपीआर तैयार कर पर्यटन विभाग को भेजे कई बर्ष बीत चुके परन्तु अभी तक इस पर कोई पहल होता नही दिख रहा है। लोगों का कहना है कानगोई पहाड़ को पर्यटक स्थल बनाने का जिला प्रशासन का कदम काफी सराहनीय था। लेकिन यह पहल ठंडे वस्ते में डाल दिया गया है जिसके कारण स्थानिय लोग काफी नाराज एवं मायुश हैं। 

राजनीतिक अवहेलना का भी शिकार बना कानगोई पहाड़

मिहिजाम। कई नेता सांसद और विधायक बन गये। बड़े बड़े दिग्गज नेता आये और गये। मिहिजाम में दर्जनों बार सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्रियों के साथ साथ अन्य केन्द्रीय एवं राज्य के मंत्रियों का आवागमन होता रहा। लेकिन इस पहाड़ का कायाकलप बदलने के लिए किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।पहले जहां यह पहाड़ चुनावी मुद्दा हुआ करता था अब वहीं राजनीतिक अवहेलना का शिकार हो गया। अब तो लोग इसके सौंदर्यीकरण की बात भी करना भूल चुके हैं। इस संबंध में मिहिजाम नगर परिषद के अध्यक्ष कमल गुप्ता ने  बताया की डीपीआर कई साल पहले ही भेजा गया है।