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क्या लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की सुरक्षा के लिए कड़े कानून की जरूरत नहीं?

गिरिडीह में ईटीवी भारत के पत्रकार पर हमला

ओम प्रकाश शर्मा, भारतटीवी. न्यूज़: गिरिडीह में ईटीवी भारत के संवाददाता अमरनाथ सिन्हा पर नगर निगम के टोल वसूली करने वाले गुंडों ने जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में अमरनाथ सिन्हा गंभीर रूप से जख्मी हुए, जबकि बीच-बचाव करने पहुंचे दो अन्य पत्रकारों पर भी हमला किया गया। यह घटना गिरिडीह-टुंडी मार्ग पर अजीडीह के पास स्थित नगर निगम के टोल टैक्स वसूली केंद्र पर हुई। अमरनाथ सिन्हा हाई कोर्ट की रोक के बावजूद नगर निगम द्वारा की जा रही जबरन टोल वसूली की कवरेज कर रहे थे।

इस घटना के बाद रांची प्रेस क्लब ने कड़ी निंदा की और झारखंड सरकार से अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की है। इस बीच, झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने अस्पताल जाकर घायल पत्रकारों का हालचाल लिया, जिसके लिए प्रेस क्लब ने साधुवाद व्यक्त किया।

यह घटना केवल एक पत्रकार पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे लोकतंत्र पर सवाल खड़ा करती है। आज पत्रकारिता को झूठ और दबाव की राजनीति के गढ़ से बाहर निकालने की जरूरत है। ऐसे गुंडों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जो न केवल सच्ची पत्रकारिता को दबाने की कोशिश करते हैं, बल्कि देश के साहसी पत्रकारों को अपना निशाना बनाते हैं।

देश के सभी पत्रकारों को एकजुट होकर सरकार पर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाने का दबाव डालना चाहिए। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संसद को जल्द से जल्द कानून बनाकर उन्हें अधिकार और सुरक्षा प्रदान करनी होगी। वरना माफिया तंत्र के आगे लोकतंत्र दम तोड़ देगा।

देश के सच्चे सपूत पत्रकारों की आवाज बने और लोकतंत्र को बचाने का संकल्प लें।