12 अनाथ बालकों का नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय में हुआ है नामांकन
BHARATTV.NEWS,दुमका। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने बालगृह में पिछले 4-5 सालों से रह रहे 12 अनाथ बालकों का पुनर्वास कर दिया है। इन 12 बालकों का नामांकन दुमका के नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय में करवाया गया है। इनमें से 10 बालकों को सोमवार को उनके अभिभावकों या उपयुक्त व्यक्ति को सौंप दिया गया। अब ये बालक नेताजी सुभाष चंद्र बोस विद्यालय में रहकर पढ़ाई करेंगे और छुट्टी होने पर अभिभावक इन्हें घर ले जाएंगे। सोमवार को बालगृह (बालक) के प्रभारी संजु कुमार द्वारा 10 बालकों को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इन बालकों के अभिभावक एवं करीबी रिश्तेदार भी समिति के समक्ष उपस्थित हुए। चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी बिजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने बालकों एवं उनके अभिभावकों का बयान दर्ज किया। बालकों और उनके अभिभावक के आग्रह पर उन्होंने अभिभावकों के साथ घर भेज दिया गया।
चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि देखरेख एवं संरक्षण की अवश्यकता वाले (सीएनसीपी) बालक के लिए बालगृह अंतिम विकल्प है। सीएनसीपी बालक को तबतक ही बालगृह में रखा जाता है जबतक उनके पुनर्वास का साधन खोज नहीं लिया जाता और उन्हें पुनर्वासित नहीं कर दिया जाता। समिति ने ऐसे 12 बालकों को चिन्हित किया था जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु होने के कारण वे अनाथ की श्रेणी में सीएनसीपी घोषित किये जाने के बाद से वर्ष 2018 से बालगृह में आवासित थे पर उनसे मिलने के लिए उनके रिश्तेदार आया करते थे और छूट्टी में घर भी ले जाया करते थे। इन बालकों को स्पान्सरसिप स्कीम से जोड़ने या एडोप्सन देने के विकल्प पर भी समिति ने सुनवायी की पर बालक और उसका परिवार इसके लिए तैयार नहीं हुआ। ये सभी बालक दुमका के केन्द्रीय बालक/बालिका मध्य विद्यालय में अध्ययनरत थे। इसी वर्ष दुमका के कोरैया में अनाथ एवं रेस्क्यूड बालकों के लिए शिक्षा विभाग द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस विद्यालय खोला गया जिसमें इन सभी का नामांकन करवाते हुए उन्हें रिस्टोर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि दो अन्य बालक जैसे ही बालगृह वापस लौटेंगे, उन्हें भी परिवार में पुनर्वासित कर दिया जायेगा।













