ओम शर्मा, कोलकाता : कोलकाता के धर्मतला में गुरुवार २१ जुलाई को २ साल बाद सूबे के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में शहीद दिवस के मौके पर हजारों की संख्या में लोग जमा हुए थे। पुरे बंगाल के हर कोने से वहां समर्थकों ने अपनी हाजरी लगायी। कोरोना काल के बाद यह दीदी की सबसे बड़ी सभा थी। बिधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद तथा तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद अब बंगाल के तृणमूल समर्थक एक सुर में दीदी को प्रधानमंत्री के तौर में देखना चाहते हैं। अगर बात की जय तो यह दीदी की सबसे बड़ी शक्ति प्रदर्शन रही।

आगामी पंचायत चुनाव और उसके बाद ठीक लोकसभा चुनाव में यह सभा दशा और दिशा तय करेगी। दीदी ने कहा की हर साल, इस दिन हम उन 13 अनमोल आत्माओं का सम्मान करते हैं जिन्होंने पूर्व सरकार के अत्याचारों के खिलाफ निडर होकर लड़ाई लड़ी। 21 जुलाई पूरे तृणमूल कांग्रेस परिवार के लिए एक बहुत ही पवित्र दिन है और शहीद दिवस पर, हम सभी दो साल बाद एक साथ आए और शहीदों को धर्मतला में अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि दी। कोलकाता की सड़कों को लोगों से भरी हुई देखकर मैं भावुक हूँ। मेरे पार्टी के कार्यकर्ता, समर्थक और नेता मेरा गौरव है और आज धर्मातला आने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद करता हूँ। मैं इस दिन माँ ,माटी ,मानुष को नमन करता हूँ और आपके समर्पण, आपके साहस और आपके जज्बे को सलाम करता हूँ।
बंगाल के इतिहास में शहीद दिवस एक ऐतिहासिक दिन है। हम एक दूसरे से वादा करते हैं कि फासीवादियों के सामने कभी नहीं झुकेंगे। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के हर एक अलोकतांत्रिक और जनविरोधी कदम के खिलाफ हमारी आवाज बुलंद होगी। हम एकजुट होकर उन सभी तानाशाही शक्तियों के खिलाफ लड़ेंगे जो लोगों को विभाजित करने की कोशिश करते हैं, उनके दिमाग में जहर भरते हैं।
चलो अपना असली भारत वापस लाएं – जहां शांति, सद्भाव और खुशी है।













