BHARATTV.NEWS; CHITRA: स्थानीय अंबेडकर चौक में बुधवार को सीटू श्रम संगठन के कोल इंडिया के जेबीसीसीआई सदस्य सुजीत भट्टाचार्य व कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड के सदस्य जीके श्रीवास्तव ने आयोजित सभा में जमकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली। कहा कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति में बदलाव नहीं आई तो देशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।
सीटू के केंद्रीय नेता भट्टाचार्य ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन व केंद्र सरकार की ढुलमुल नीति के कारण 11 वीं वेतन समझौता की बैठक में मिनिमम गारंटी बेनिफिट पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया। केंद्रीय श्रम संगठन के नेताओं की मांग थी कि 50 फीसद न्यूनतम लाभ मिलने का हमें आश्वासन दिया जाए। जबकि कोल इंडिया प्रबंधन केवल तीन फीसद एमजीबी देने पर सामत है। ट्रेड यूनियन के नेताओं को यह प्रस्ताव कतई मंजूर नहीं है। जेबीसीसीआई की बैठक के दौरान हमने कोल इंडिया प्रबंधन को चेतावनी दी। यहां तक कि बैठक का भी बहिष्कार किया। फिर भी प्रबंधन के अधिकारियों के सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। वस्तु स्थिति से अवगत कराने के लिए कोयला उद्योग में हम सभी मजदूरों के बीच जाकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं। वहीं कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड के नेता श्रीवास्तव ने कहा कि बीसीसीएल ईसीएल और सीएमपीडीआई को केंद्र सरकार ने कोल इंडिया से अलग करने का फैसला किया था। बाद में तय हुआ कि इन तीनों कंपनियों का 25 फीसद शेयर बेचा जाए। इतना से ही केंद्र सरकार को संतोष नहीं हुआ। इंडिया की सभी इकाइयों में 25 फीसद शेयर बेचने का निर्णय केंद्र सरकार ने ले लिया। इसका परिणाम यह होगा कि कोयला उद्योग में निजी कंपनियों का दबदबा बढ़ेगा।कोल इंडिया का पकड़ उन कंपनियों पर ढिला पड़ता जाएगा जिसका सीधा असर कोयला उद्योग में कार्यरत कामगारों पर पड़ेगा। इन्हीं सब बातों को लेकर सभी ट्रेड यूनियन के नेता देशव्यापी जागरूकता अभियान चला रहे हैं और मजदूरों को आंदोलन के लिए तैयार करने जुटे हैं। सभा में स्थानीय नेताओं ने भी अपना विचार व्यक्त किया। मौके पर सीटू के स्थानीय सचिव रामदेव सिंह, जेसीएमयू शाखा अध्यक्ष निर्मल मरांडी, एचएमएस नेता राजेश राय, कृष्णा सिंह, दिनेश महतो, प्रसादी दास, संदीप शंकर आदि नेताओं के अलावा मजदूर उपस्थित थे।






