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ओबी डंप में पत्थर मिट्टी के बीच आजीविका साधन की तलाश

BHARATTV.NEWS; CHITRA : पापी पेट का सवाल है कि देवघर जिले में संचालित एसपी माइंस के कई किलोमीटर परिधि में बसे लोग ओबी डंप की तरफ खींचे चले जाते हैं। मिट्टी पत्थरों के ढेर में वे आजीविका के साधन के रूप में कोयला तलाशते रहते हैं। इस कोयले को बेचकर चूल्हा चक्की करने के साथ-साथ परिवार के सदस्यों को परवरिश करते हैं।
एसपी माइंस के ओबी डंपो में डंपर ऑपरेटर अपने वाहन के साथ आते ही लोग कोयला चुनने के लिए टूट पड़ते हैं। मिट्टी पत्थरों के ढेर में खदान से मिलकर आने वाले कोयले को वे लोग चुनते हैं। बड़ी मेहनत से ऊंचे स्थानों से ढोकर उसे नीचे उतारते हैं। पुरुष साइकिलों में लादकर व महिलाएं टोकरी में उसे घर ले जाते हैं। दूरदराज के इलाके से आने वाले लोगों के हाथों में इस चुना हुआ कोयले को बेचकर पैसे अर्जित करते हैं। यही उनकी जीने का जरिया बन जाता है। इतना ही नहीं जब डंपर ऑपरेटर ढलान में ओबी गिराते हैं। उस समय भी लोग कोयला चुनने के लिए ढलान चढ़ते हैं। इस दौरान मामूली ढेला कोयला चुनने वाले लोगों के शरीर से टकराने पर वे घायल हो जाते हैं। रात्रि के दौरान लोग दुर्घटना का भी शिकार होते रहते हैं। प्रत्यक्षदर्शी यह भी बताते हैं कि इन्हीं कोयला चुनने वालों के आड़ में लोग सुरक्षा एजेंसियों की मिलीभगत से कोयला डंप से चोरी भी करते हैं। वे जगह-जगह ढेर के रूप में कोयला भंडारण करते हैं। बाइक और साइकिल से ढोने वाले के हाथों कोयला चोर उसे बेचकर पैसे अर्जित करते हैं। इसी किस्म के कोयले को जप्त करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां समय-समय पर छापेमारी अभियान चलाती है।