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भगवान भरोसे केवल जीवन चल रहा है, पता नहीं किस घड़ी मौत आ जाय!

BHARATTV.NEWS,विंदापाथर: जामताड़ा भगवान जब किसी को दुःख देता है तो चारों ओर से घेर कर देता है। यह वाक्या है फतेहपुर प्रखण्ड अन्तर्गत विन्दापाथर थाना क्षेत्र के बस्ती पालोजोरी गांव के जय प्रकाश राय की।जिसकी उम्र 36 वर्ष के आसपास की है। उनके पिता बिनोद राय पैरों से विकलांग हो गया है।जो कोई काम नहीं कर सकता है।
36 साल का जवान जय प्रकाश राय लगभग दो साल से गंभीर रूप से बीमार चल रहा है। उनकी हालत ऐसी हो चला है कि वह आज अपने से उठ बैठ नहीं कर सकता है। दो साल से दवा दारू और इलाज में घर का सारा सामान बेच बेच कर धनबाद, गिरिडीह, जामताड़ा, रांची आदि जगहों पर बीमारी का इलाज करवाते करवाते थक गया है। लेकिन पैसे के अभाव में कहीं भी ठीक से इलाज नहीं करा पाया।

36 वर्षीय जय प्रकाश राय का एक छोटा भाई कांचन राय है।वह भी रीढ़ की हड्डी में गंभीर दर्द के कारण सीधा चल फिर नहीं सकता है।कांचन राय के इलाज में भी काफी पैसा खर्च किया गया लेकिन बीमारी ठीक नहीं हो सका।वह भी रीढ़ की हड्डी के दर्द से ठीक तरह से झुक नहीं सकता है और न कोई काम ही कर पा रहा है। ऐसे में उनके परिवार में कोई भी सदस्य कमाने वाला नहीं रह गया है।सब कोई पूरा परिवार ना-ना तरह की बीमारी से त्रस्त हैं।
जय प्रकाश राय और कांचन राय के इलाज में विकलांग पिता ने जमीन बेच बेचकर किसी तरह दिन बीता रहा है।पता नहीं किस घड़ी में किसी की मौत परिवार में हो जाय।जय प्रकाश राय और कांचन राय पिता बिनोद राय एक अत्यंत ही गरीब परिवार से है। जनवितरण प्रणाली दुकान से उन्हें जो पांच किलो ग्राम राशन मिलता है उसी वे गुजारा कर रहे हैं। अब तो दोनों बेटों का इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं।दवा दारू महिनों से बंद हो गया है।अब तो केवल भगवान भरोसे केवल सांसें चल रहा है।पता नहीं किस घड़ी में मौत आ जाय।
जय प्रकाश राय और उनके पिता बिनोद राय ने स्थानीय विधायक सह झारखण्ड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो से भी इसमें मदद मांगी है। उनके विधायक प्रतिनिधि परेश यादव जो जय प्रकाश राय के गांव का ही है उनसे भी इलाज हेतु सरकार से मदद दिलाने की मांग की है। लेकिन जय प्रकाश राय के मदद में कोई आगे नहीं आया। स्थानीय क्षेत्र के सभी नेताओं से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई है लेकिन कोई काम नहीं आया है। इसीलिए तो कहा गया है कि भगवान जब देता है तो छप्पर फाड़कर देता है। चाहे वह दुःख या फिर सुख हो। उपरोक्त बातें पीड़ित जय प्रकाश राय ने संवाददाता को बिछावन पर पड़े पड़े रो रोकर कही। REPORT: D. SINGH contact@bharattv.news