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स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में कदमताल कर रहा कोयलांचल

BHARATTV.NEWS;CHITRA: स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में देवघर जिले के चितरा कोयलांचल अपने स्थान पर कदमताल कर रहा है। वर्षों से कोलियरी स्थित औषधालय स्थानांतरित कर आधुनिक चिकित्सा सुविधा से युक्त अस्पताल स्थापना की मांग की जा रही है। इसके लिए तत्कालीन विस अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता, तत्कालीन कृषि मंत्री सह वर्तमान विधायक रणधीर सिंह के समक्ष वार्ता में आला अधिकारियों ने सहमति भी व्यक्त की है। परंतु अस्पताल की स्थापना अब तक नहीं हुई है। वहीं शिक्षा की ज्योति बिखेरने वाली शैक्षणिक संस्थान डीएवी बंदी के कगार पर है। तीन चार महीने में वेतन भुगतान किया जाता है। यहां के शिक्षकों ने सामूहिक स्थानांतरण की मांग भी की है। वेतन भुगतान समय पर नहीं होने से उनमें निराशा के बादल छाए हुए हैं। इस संबंध में जानते हैं मजदूर संगठन के प्रतिनिधियों के विचार:
संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आधुनिक अस्पताल स्थापना की मांग कई बार रखी गई है। वर्तमान समय में कोलियरी में जो औषधालय है। वह प्रदूषित स्थान पर है। मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाली यह इकाई खुद बीमार है। वहीं डीएवी पर बंदी की तलवार लटक रही है। शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान की मांग भी संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में रखी गई है। ईसीएल मुख्यालय के अधिकारियों ने अनसुना किया तो चरणबद्ध आंदोलन छेड़ा जाएगा।
योगेश राय इंटक, मजदूर नेता

ईसीएल मुख्यालय के अधिकारियों का मकसद केवल यहां से लाभांश अर्जित करना है। लाभांश के पैसे से इस इलाके के विकास पर खर्च किया जाना चाहिए था। लेकिन इस तरफ उनका कोई ध्यान नहीं है। ईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एपी पांडा से मिलने डीएवी के शिक्षक अपनी समस्या को लेकर गए थे। वेतन की समस्या हल करना तो दूर की बातें हैं। उनसे बातचीत तक नहीं की गई। यही रवैया रहा तो आला अधिकारियों को इस इलाके में घुसने नहीं दिया जाएगा।
बलदेव महतो, मजदूर नेता

डीएवी के शिक्षकों को नियत समय पर वेतन मिले। इसके लिए मुख्यालय से अलग से बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए। वहीं चिकित्सा सुविधा के लिए आधुनिक अस्पताल स्थापना के लिए भी बजट की व्यवस्था हो। जिसके लिए जो बजट की व्यवस्था रहे। उसी मद में खर्च किया जाना चाहिए। इसे अति आवश्यक समझते हुए ईसीएल मुख्यालय के अधिकारी ठोस कदम उठाए।
पशुपति कोल, मजदूर नेता