सोना का मूल्य है तुम्हारा वोट मिट्टी के भाव में बेचना मत।
" गांव की सरकार "
आ गया है पंचायत चुनाव
हम तुम रहें तैयार।
लाभ इसका तुम्हें मिले
यूं ही नहीं जाये बेकार।।१
जल जंगल जमीन हमारा है
होता है सब गांव पर कार्य।
आ गया है सभी संसाधन
होगा सब गांव में कार्य।।२
शिक्षा का भार गांवों पर है
बिजली-पानी स्वास्थ्य की।
सब पर नजर रखना होगा
यही दायित्व है गांव की सरकार की।।३
दस लाख रूपए हर माह
हर पंचायत करती हैं भुगतान।
शिक्षा के बिना जागृति नहीं
यहां इससे है सब अनजान किसान।।४
अब की बार तुम्हारी बारी
चुनना ऐसी सरकार।
जो सरकार तुम्हारी सुने
वोट तुम्हारा न हो जाये बेकार।।५
सोना का मूल्य है तुम्हारा वोट
मिट्टी के भाव में बेचना मत।
निर्भिक होकर वोट करना तुम
गुप्त मतदान है डरना मत।।६
दारू, मुर्गा, नोटों से तुम
अबकी अपने बेचन को नहीं।
बहकावे में आकर किसी का
सबको बहका के वोट देना नहींं।।
पांच साल के बाद आया है
मौका है सुन्दर सरकार बनाने का।
इस बार भी अगर गंवाया अवसर
फिर माथा पकड़ कर रहना रोने का।।८
तैयारी करो,तैयार रहो
यही मौका है पांच सालों की
बिचौलिया दलालों को दूर भगाओ
एक अच्छी सरकार बनाओ गांवों की।।
धनेश्वर सिंह काल पत्रकार सह-लेखक जामताड़ा।।





