BHARATTV.NEWS,CHITRA:जिला परिषद अध्यक्ष सह कार्यकारिणी प्रमुख रीता देवी ने कहा कि जिले में बड़ी-बड़ी जलापूर्ति की योजनाओं से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल हासिल होना दिवास्वप्न बनकर रह गया है। बुधवार को वह अपने आवासीय कार्यालय में प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही थी। कहा कि चापाकलों क रहमो करम पर जी रहे ग्रामीणों को विभाग परेशानी से मुक्त करें। गर्मी के दस्तक देने के पूर्व ही जलापूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त की जानी चाहिए। अन्यथा इसकी शिकायत विभागीय मंत्री और सचिव से व्यक्तिगत रूप से मिलकर की जाएगी।
उन्होंने वार्ता के क्रम में कहा कि देवघर जिले में जलापूर्ति की योजनाओं की बाढ़ आ गई है। लेकिन योजनाएं केवल हाथी के दांत बनकर रह गई हैं। अरबों की योजनाओं को जिले के धरातल पर लायी गई। ग्रामीणों को महसूस हो रहा था कि अब नल से शुद्ध जल पीने का सपना साकार हो जाएगा। लेकिन वह सब केवल दिवास्वप्न ही बनकर रह गया। देखने के लिए ही महज जगह-जगह जल मीनार हैं। लेकिन अधिकांश ग्रामीण इलाकों में शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। वर्तमान समय में कुछ लघु जलापूर्ति योजनाएं कारगर साबित हो रही हैं। हलांकि अधिकांश योजनाएं चालू हुई। लेकिन समय बीतने के साथ एक-एक करके दम तोड़ती गई। ग्रामीणों से मिल रही जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में कुछ एक योजनाएं ही अपना अस्तित्व बचाने में कामयाब है। उनकी माने तो अधिकांश योजनाएं भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गई हैं। आखिर योजनाएं अल्प समय में ही दम क्यों तोड़ती गई। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। ग्रामीणों से मिल रही शिकायतों पर यकीन करें तो तो वे सब चापाकलों के रहमों करम पर ही जी रहे हैं। गर्मी आने पर उनकी परेशानियों में इजाफा होने वाला है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को पेयजल संकट से कैसे उबारा जाए ।उस पर गहन मंथन कर योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत है।














