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आजादी के ७५ साल बाद भी टीटीचापुड़िया गांव मूलभूत सुविधाओं से है महरूम

BHARATTV.NEWS: JAMTARA: जामताड़ा जिला से सटा देवघर जिला का टीटी चापुड़िया गांव एक ऐसा गांव है जहां आने जाने की कोई सुविधा नहीं है। पक्की सड़क के अभाव में गांव वालोंं को बरसात के तीन महीने में आने जाने की कैसी परेशानी उठानी पड़ती है यह गांव वाले ही जानते होंगे। इस गांव के उत्तर दिशा में और पूरब दिशा में जोरीया है जहां पुलिया नहीं है।

गांव के पश्चिम दिशा में जंगल झाड़ है। इस गांव को जोड़ने वाली अथवा देवघर जिला के अन्य कोई गांवों तक पहुंचने के लिए कोई पक्की सड़क या पी सी सी सड़क भी नहीं है। कच्ची सड़क जरूर है। लेकिन बरसात में वह किचड़मय हो जाता है। केवल मात्र दक्षिण दिशा में जो जामताड़ा जिला के फतेहपुर प्रखंड के चापुड़िया पालाजोरी बस्ती को जोड़ती है। वही एकमात्र ऐसा सड़क है। गांव के बच्चे कोयरी जमुआ उच्च विद्यालय पढ़ने के लिए जाते हैं। जिनकी संख्या लगभग 30 से 35 बच्चे हैं। लेकिन दुःख की बात है कि बरसात के तीन महीने ये बच्चे विद्यालय से और शिक्षा से दूर हो जाते हैं।ऐसा इसलिए होता है कि जोरीया में पुलिया नहीं है। सड़क कच्ची तो है ही लेकिन बरसात में चलने लायक नहीं रह जाता है। जब संवाददाता ने पूछा कि चापुड़िया गांव एक ही है तो आगे वाला गांव का नाम क्या है?


इस पर गांव के लोगों ने बताया कि यहां दो चापुड़िया है। जिसमें एक टीटी चापुड़िया शिमलगढ़ग पंचायत सारठ विधानसभा क्षेत्र पालोजोरी प्रखण्ड, देवघर जिला में है जो हमलोगों का गांव है। वहीं इस गांव से महज 10 फीट की दूरी पर सटा गांव चापुड़िया है।जो चापुडिया पंचायत,नाला विधानसभा क्षेत्र, फतेहपुर प्रखण्ड, जामताड़ा जिला में है। मात्र दस फीट दूरी के अन्तर से विकास कार्यों में अंतर दिखाई देता है। जिला और प्रखंड अलग-अलग होने से बच्चों के पढ़ाई-लिखाई में और विद्यालय में नामांकन में भी अड़चन होता है।जब गांव वालों से पूछा गया कि यह भ्रम पूर्ण नाम चापुडिया और टीटी चापुड़िया क्यों अलग-अलग रखा गया है।तो वे सही सही जबाव नहीं दे पाए। खैर जो भी कारण हो लेकिन सीमांत और सीमांकन का अंतर मात्र दस फीट दूरी से आज टीटी चापुड़िया शिमलगढ़ग पंचायत का यह गांव आज विकास से भी और मूलभूत सुविधाओं से भी कोसों दूर हैं। इस गांव की कुल आबादी 375 के आसपास है और घरों की संख्या लगभग 56-57 है।
इस गांव के दिलीप कुमार राणा,विजय राणा,भीम बेसरा,अजय मुर्मू, सहित कई अन्य लोगों ने अपनी दुःख व्यां किया।