बारबेन्दिया पुल निर्माण संघर्ष समिति ने हेमंत सोरेन से पुल निर्माण कराने का आग्रह किया
JAMTARA: बारबेन्दिया पुल निर्माण संघर्ष समिति ने जल्द 58 पिलर वाले अधूरे पुल का निर्माण कराने का आग्रह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की है । यह कहानी नहीं हकीकत है । जामताड़ा से जब दो पहिया वाहन और चार पहिया वाहन बराकर नदी के बारबेन्दिया घाट पर पहुंचेगी तो आपको खुद ही ब्रेक लगाकर नाव का इंतजार करना होगा ।

अगर किसी को विश्वास नहीं होता हो तो निरसा के तरफ से भी नदी घाट तक दोपहिया और चार पहिया वाहन पर सवारी करके जांच परख सकते हैं । वहां सवारियों को नदी घाट पर अपने आप रोकना मजबूरी होगा। विदित हो कि जामताड़ा और निरसा जीटी रोड के बीच बराकर नदी पर स्थित बारबंदिया का 58 खंभा वाला पुल जो लगभग 15 वर्षों से अधूरा पड़ा है ।

सामाजिक कार्यकर्ता और पुल निर्माण संघर्ष समिति के सचिव मोहम्मद रफीक अंसारी ने कहा कि बीरग्राम श्यामपुर आदि क्षेत्र के लोगों को मैथन डैम बनने से उनके निजी जमीन डैम में डूबा रहता है और उन्हें मजबूरी में पलायन करके बड़ाकर नदी के पार गोविंदपुर , धनबाद , आसनसोल मजदूरी करने के लिए जाना होता है । उन्होंने कहा कि हम लोग 2007 में पुल निर्माण का कार्य शुरू होते हुए देखे थे लेकिन झारखंड सरकार की भ्रष्टाचार की भेंट यह पुल चढ़ गया ।

लोगों के बीच रोटी , कपड़ा और मकान की चिंता दिन-रात सताती है ।पुल निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार महतो ने कहा कि बरसात के तेज बहाव से 2009 में ही पांच पिलर गिर गया था जो नदी के मुख्य धारा में खड़ा किया गया था । इस संबंध में स्थानीय ग्रामीण फुरकान अंसारी , असगर अंसारी , मोटा मुर्मू , बैजेन मंडल , अनादि मंडल , कीर्तन मंडल, आदि ने बताया कि संवेदक द्वारा डीपीआर और तय मानक के अनुसार पिलर का गड्ढा बहुत कम किया गया था जिसके कारण पिलर पानी के तेज बहाव में जमीनदोज हो गया।

स्थानीय ग्रामीण फुरकान अंसारी ने बताया कि सरकार 15 साल से बारबेन्दिया पुल की जांच के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा चुकी है लेकिन सरकार अभी तक कोई फैसले नहीं ले सकी है । मोटा मुर्मू ने बताया कि झारखंड देश में सबसे खनिज संपदा और धनी राज्य है लेकिन सरकार गरीबों और बेसहारा के लिए उचित संसाधन नहीं जुटा पा रही है । पुल नहीं होने की वजह से छात्र-छात्राओं , किसानों , मरीज , व्यापारियों को रोजाना अपनी जान को जोखिम में डालकर नाव पर सवार होकर नदी के दूसरे पर जाना पड़ता है । उन्होंने बताया कि सरकार जल्द अधूरे पुल का निर्माण कराए ।














