
मिहिजाम। पूर्व रेलवे कोलकाता के जीएम 22 दिसंबर बुधवार को वार्षिक निरीक्षण के दौरान चित्तरंजन रेलवे स्टेशन समेत आस पास के रेलवे स्टेशनो का दौरा किया। जीएम के दौरे को लेकर चित्तरंजन रेलवे स्टेशन को सजाया गया । टेरेकोटा और मधुबनी पेंटिंग स्टेशन भवन की शोभा बढ़ा रहे है। जबकि फुट ओवर ब्रिज की सीढ़ियों पर भी आकर्षक नक्काशी की गई है। प्लेटफार्म के बीच खाली पड़े कोरी डोर में बागवानी सजाई गई है। लंबे प्लेटफार्म पर यात्री शेड, पेयजल, रोशनी आदि की व्यवस्था को बढ़ाया गया है। रंग रोगन से लेकर साफ सफाई, बिजली, पानी, लीकेज, लेबल क्रोसिंग, बगीचा, पुल पुलिया, काउंटर, सीसीटीवी, वेंडिंग मसिंग आदि को दुरुस्त किया जा रहा है।
ताकि कोई कोर कसर न रहे। इसके अलावा स्टेशन परिसर के इर्द गिर्द अतिक्रमण किये हुए जगहों को भी खाली कराया जा रहा है। रेलवे ट्रैक, ब्रिज व गति सीमा फुट ओवर ब्रिज आदि को भी चुस्त दुरुस्त किया जा रहा है। मैकेनिकल, इंजीनियरिंग, वाणिज्य, कार्मिक, आरपीएफ सहित अन्य विभाग के कर्मी अपने अपने क्षेत्र को ठीक करने में रात दिन लगे हुए है। बता दें कि पूर्व रेलवे मंडल के जीएम के दौरे को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रहीं है। अपने दौरे में जीएम स्टेशन परिसर का निरीक्षण करेंगे और पदािधकारियों को आवश्यक निर्देश भी देंगे।
पूर्व रेलवे के आसांसोल डिवीजन के पुराने चित्तरंजन रेलवे स्टेशन भवन मरम्मत के बाद फिर से सजधज कर तैयार हो गया है। यह इमारत 1950 के समय बनाई गई थी। हावड़ा से नईदिल्ली वाया पटना को जाने वाली सभी ट्रेनें इस स्टेशन से होकर गुजरती है। पुराना होने के कारण स्टेशन भवन की दशा खराब हो गई थी। मरम्मत के बाद स्टेशन फिर से चमक रहा है।
रेलवे की ओर से बताया गया कि पुराने स्टेशन भवन के नवीनीकरण और जीर्णोद्धार को एक चुनौती के रूप में लिया गया। संपूर्ण छत की मरम्मत की गई। इसके साथ ही जहां जहां से पानी का रिसाव होता था, वहां विशेष मरम्मत की गई। दीवारों की मरम्मत कर उसपर पेंटिंग की गई और पूरी इमारत को एक नया रूप दिया गया है। चित्तरंजन की मजबूत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। यह क्षेत्र अपने रेल इंजन निर्माण के लिए चुना गया था। तत्कालीन कलकत्ता और चित्तरंजन के बीच की दूरी लगभग 225 किलोमीटर है।















