चिरेका में प्रवेश पर अनुमति है अनिवार्य
ओमप्रकाश शर्मा। चित्तरंजन। सन 1971 में पश्चिम बंगाल सरकार की अधिसूचना के अनुसार , धारा 2 (31), (2) 32,3, 144,146 के प्रावधान के अंतर्गत तथा रेलवे अधिनियम के मुताबिक, क्रमांक संख्या.871-पी,दिनांक 06.02.71 के आलोक में सार्वजनिक आदेश अधिनियम, के मद्देनजर चित्तरंजन शहर को “सुरक्षित क्षेत्र” घोषित किया गया था तथा इस आदेशानुसार चितरंजन रेल नगरी में प्रवेश और प्रस्थान पर सुरक्षा अधिकारी, चिरेका, की अनुमति प्राप्त करने का प्रावधान किया गया था। इस अधिनियम के आदेशानुसार ही चित्तरंजन रेल नगरी के समस्त द्वार से आगमन और प्रस्थान पर प्रशासन की अनुमति अनिवार्य है।

वैसे तो वर्तमान परिस्थिति में कोविद –19 के अनुप्रसार को रोकने हेतु चित्तरंजन नगरी में भारत सरकार एवं पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अनुमोदित प्रक्रिया पर सख्ती से पालन किया जा रहा रहा है. तथा सभी द्वारों पर अधिकारी सहित सुरक्षा प्रहरी की तैनाती की गयी है, जिससे अनाधिकृत प्रवेश को प्रतिबन्ध कर नियमों का मजबूती से पालन किया जा सके. इसी का परिणाम है कि कोविद – 19 के लॉक डाउन 4 तक के समयावधि तक एक भी कोरोना संक्रमण का मामला चिरेका में नहीं पाया गया।
आशा है कि चित्तरंजन में प्रवेश हेतु इच्छुक व्यक्तिविशेष इन बातों का ख्याल रखेंगे।
(पश्चिम बंगाल सरकार की अधिसूचना का पत्र क्रमांक संख्या.871-पी,दिनांक 06.02.71 संलग्न है)















