मंगलवार 12 मई को अन्तरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर उपायुक्त जामताड़ा गणेश कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई में नर्स बहने हमारी पहली पंक्ति की गुमनाम नायिका है। नर्स बहनों की कड़ी मेहनत और समर्पण को लेकर सराहना किया है साथ ही नर्स दिवस के अवसर पर सभी नर्स बहनों को शुभकामनाएं भी दिए हैं। उपायुक्त जामताड़ा ने कहा कि नर्स लोगों के जीवन रक्षा के लिए 24 घंटे परिश्रम कर रही है। इस वैश्विक महामारी के दौरान लोगों को बचाने का अथक प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य सेवा में नर्सों की भूमिका को कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता है। अस्पताल में नर्स ही मरीजों की सेवा करती है, दवा सुई से लेकर 24 घंटे स्वास्थ्य पर नजर बनाकर रखती है। वैश्विक महामारी में नर्सों की भूमिका अहम है। नर्स बहनों की जो सेवा है Covid-19 के दौरान अत्यधिक चैलेंजिंग है। COVID-19 में नर्स के द्वारा सेवा भाव से काम किया जा रहा है उसे जिला प्रशासन सराहना करता है और Covid-19 के संक्रमण के समय में उन्हें समारोह पूर्वक समानित नहीं कर पा रहा। लेकिन उनको जिला प्रशासन शुभकामनाएं देता है। इसी तरह की सेवा बरकरार रखेगी ताकि हम Covid-19 पर संक्रमण पर काबू पा सकें। उनके योगदान के बिना Covid-19 पर काबू पाना संभव नहीं है। सबसे पहली प्रभाव सहर्ष भावना नर्स बहनों से ही शुरू होता है।
हर साल 12 मई यानि आज के दिन दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। बीमारों को जिंदगी देने में जितना योगदान डॉक्टर्स का है, उससे कम योगदान नर्स का नहीं है। नर्स बीमारों की तन और मन से सेवा करती है। नर्से अपनी परवाह किए बिना मरीज की जान बचाती हैं। यह दिन उनके योगदान को समर्पित होता है। अस्पताल में जितनी अहम भूमिका चिकित्सक की होती है, उतनी ही मरीजों की देखभाल करने वाली नर्स की भी होती है। डॉक्टर जब मरीज का ट्रिटमेंट कर चले जाते है उसके बाद नर्से अपनी ड्यूटी खत्म होने तक उसी मरीज की देखभाल करती रहती हैं। चाहे आम दिनों की तरह नॉर्मल ड्यूटी हो या राष्ट्रीय आपदा घोषित हो चुकी कोरोना जैसी बीमारी हो, नर्से कभी ड्यूटी से कतराती नहीं है। मरीजों के उपचार से लेकर उसके स्वास्थ्य होने तक उसे दवाई देने के साथ मनोबल देने का काम करती है। इन्हीं नर्सो के सम्मान में हर साल 12 मई को दुनिया भर में विश्व नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है।















