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स्वरोजगार के लिए घर के ही कचरे की सामग्री से सुंदर कलाकृतियां उतारने के लिए प्रशिक्षण

OM SHARMA (BHARATTV.NEWS) JAMTARA: ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण के बाद प्रदर्शनी समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर जामताड़ा जिला के उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री फैज अक मुमताज अहमद(भा. प्र.से.) शामिल हुए। उपायुक्त द्वारा पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मभूमि नंदनकानन परिसर में आज दिनांक 05 मार्च 2022 को नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फाइबर इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी कोलकाता के संस्था के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण के बाद प्रदर्शनी समारोह का आयोजन किया गया।

मुख्य अतिथि के तौर पर जामताड़ा जिला के उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी फैज अक मुमताज अहमद(भा. प्र.से.) शामिल हुए एवं विशिष्ट अतिथि कोलकाता के डॉक्टर आलोक नाथ राय, प्रखंड विकास पदाधिकारी अजफर हसनैन, अंचलाधिकारी गुलजार अंजुम, थाना प्रभारी रोशन कुमार, मानस बंदोपाध्याय, विद्रोह मित्र, एल्डर्स क्लब के अध्यक्ष चंदन मुखर्जी थे।इस कार्यक्रम के मंच संचालक देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। महिलाओं द्वारा जुट से बनाए गए सैकड़ों सामग्री को उपायुक्त द्वारा देखा गया साथ ही उपायुक्त ने महिलाओं की प्रशंसा भी किए।

उपायुक्त द्वारा कहा गया की महिलाएं अपने हाथों से सैकड़ों तरह की वस्तु बनाए हैं, वह अद्भुत है। महिलाओं की मेहनत एक दिन रंग लाएगी। मुख्य अतिथि उपायुक्त द्वारा 40 प्रशिक्षित महिलाओं को प्रशिक्षण पत्र दिया। साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की कामना किया गया। इस दौरान नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ नेशनल फाइबर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी कोलकाता के डॉक्टर आलोक नाथ राय ने बताया कि ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के लिए उनके घर के ही कचरे की सामग्री से सुंदर कलाकृतियां उतारने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। जो पर्यावरण को भी स्वच्छ बनाएगा।

इस तरह के ट्रेनिंग के बाद महिलाएं खुद से जूट की सामग्री बनाएंगे जो बर्बाद होने के बाद पूरी तरह से मिट्टी में मिल जातेे हैं। महिलाओं को कम लागत में अधिक पैसे कमाने का यह अच्छा सुनहरा अवसर है। जिसके लिए 40 युवतियों को चयन किया गया था। वर्तमान में जो राखी बन कर आती है मार्केट में उस पर विभिन्न तरह के प्लास्टिक का प्रयोग किया जाता है ।जो मिट्टी में नहीं मिल पाते हैं एवं पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। इसी तरह की सामग्री हैं जो पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। परंतु जूट एवं पटसन से बनने वाली राखी अन्य सामग्री पूरी तरह से मिट्टी में मिल जाएगी। जिससे पर्यावरण प्रदूषित नहीं होगा। ग्रामीण महिलाओं के हुनर एवं हाथ से बनने वाली विभिन्न सामग्रियां लोगों को अपनी और आकर्षित कर अच्छे दाम मुहैया होगा। पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के स्मृति रक्षा समिति के लोगों के द्वारा या प्रशिक्षण निशुल्क उपलब्ध कराया गया था। इससे महिलाएं मेहनत करके अच्छा पैसा कमा सकती है साथ ही राज्य में ही नहीं देश में एक अलग पहचान बना सकती है। वर्तमान में 40 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है आशा है कि आगे 400 महिलाओंं को को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि महिलाएं अपनेेे पैरों में खड़ा हो सके। मौके पर सच्चिदानंद सिन्हा, विद्रोह मित्र, देवाशीष मिश्रा, चंदन मुखर्जी, शिक्षिका ज्योति मंडल, थाना के एसआई अरविंद कुमार, वरिष्ठ तकनीकी सहयोगी इजहार मुस्तफा आदि उपस्थित थे।