पहले जम्मू और कश्मीर में सूचना अधिकार अधिनियम लागू नहीं था लेकिन अब धारा 370 के हटने के बाद जम्मू और कश्मीर सहित यह पूरे देश में एक समान रूप से लागू हो चुका है।
डेस्क रिपोर्टर, धनबाद: बंगाल के चित्तरंजन से आज सोमवार को शिक्षाविद् सह मानवाधिकार आर•टी•आई• कार्यकर्ता डॉ• चंद्रशेखर दत्ता को सूचना का अधिकार कार्यकर्ता एसोसिएशन का बंगाल प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। डॉ दत्ता ने इससे सम्बंधित नियुक्ति पत्र जारी किया है। आर•टी•आई• को सुदृढ़ एवं गतिशील बनाने के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया । जिसके बाद से ही उनके शुभचिंतक उन्हें बधाइयाँ दे रहे हैं। सोमवार को चित्तरंजन स्थित आवास पर आज 12 अक्तूबर को सूचना का अधिकार दिवस मनाया गया। जिसमें समाजसेवी डॉ दत्ता ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम 11/5/2005 को लोकसभा से, तथा 12/5/2005 को राज्यसभा से पारित होकर 15/6/2005 को महामहिम राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त करते हुए इस तिथि के बाद के 120 वें दिन अर्थात् 12 अक्टूबर 2005 को पूरे देश में अपने 31 सेक्शन 2 सेड्यूल तथा 6 चेप्टर के साथ लागू हो गया।

पहले जम्मू और कश्मीर में सूचना अधिकार अधिनियम लागू नहीं था लेकिन अब धारा 370 के हटने के बाद जम्मू और कश्मीर सहित यह पूरे देश में एक समान रूप से लागू हो चुका है। सूचना अधिकार अधिनियम की तह में जाया जाए तो हम पाते है कि तमिलनाडु पहला राज्य है जिसने 1996-97 में ही आर•टी•आई• लॉ लागू कर दिया। हम में से हर करदाता एवं नागरिक को यह अधिकार है कि वो जाने कि उसके पैसे का इस्तेमाल किस तरह हो रहा है। आर•टी•आई• का नारा है – “हमारा पैसा हमारा हिसाब” , “सरकार हमारे आपकी नहीं किसी के बाप की” , “आर•टी•आई• लगाओ जागरूकता बढ़ाओ”। भ्रष्ट प्रणाली (सिस्टम) को खत्म करने के लिए तथा पारदर्शिता एवं जिम्मेदारी देखने – दिखाने के लिए पूरे भारत में आर•टी•आई• कार्यकर्ता लगे हुए है।
पारदर्शिता एवं जिम्मेदारी लोकप्रशासन के लिए आवश्यक है तथा यह सही एवं उचित निर्णय लेने में और भ्रष्टाचार , भाई – भतीजावाद , जातिवाद को खत्म करने में सहायक है। आर•टी•आई• रुल 2012 में तथा आर•टी•आई• अमेंडमेंट एक्ट 2019 में लागू किया गया। लेकिन प्रश्न उठता है कि ” सूचना का अधिकार कानून ” पंद्रह वर्ष का सफर तय करने के बाद क्या अभी तक धरातल पर अपने मूल रूप से लागू हो पाया है? इसके क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयां , केंद्रीय सूचना आयोग , राज्य सूचना आयोग में आयुक्तों की कमी , अभिलेख , दस्तावेज, पांडुलिपि, फ़ाइल, परिपत्र, आदेश, संविदा, लॉगबुक, रिपोर्ट, मॉडल, आंकड़े का डिजिटलीकरण कर पाई है? क्या जनहित में प्रार्थियों को सूचना आसानी से उपलब्ध कराई जाती है या सीपीआईओ(लोक जन सूचना पदाधिकारी), प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं राज्य सूचना आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग के ढीले रवैए के कारण अंततः सूचना नहीं मिलती है।
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए एडवोकेट अशोक शुक्ला, राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा उन्हें नियुक्ति पत्र दी गई।
आज “सूचना अधिकार दिवस” के अवसर पर मिहिजाम नगर परिषद के अध्यक्ष कमल गुप्ता नगर परिषद मिहिजाम के चिकित्सक, डॉ• सिद्धार्थ रॉय, मोo दानिश रहमान, युवा नेता कांग्रेस; अरूण कुमार दास, प्रो• कैलाश साव, विजय एंथोनी, आर•टी•आई• कार्यकर्ता; देवोजीत सरकार,मोहित कुमार,एवं अन्य गणमान्य लोगों ने डॉ• चंद्रशेखर दत्ता को बधाई दी एवं आर•टी•आई• की जानकारी प्रशिक्षण शिविर में ली।















