हवन सामग्रियों की आहुति से पर्यावरण शुद्ध होता है। अच्छी बारिश होती है
BHARATTV.NEWS; CHITRA: शांति का संदेश देने वाले भारत को दुनिया का कोई देश कायर समझने की भूल ना करे। हम कायर नहीं हैं। दुनिया के शक्तिशाली देशों से मुकाबला करने की ताकत रखते हैं। यह बातें सुमेरू पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने सोमवार की रात रूद्र महायज्ञ के अवसर पर धर्म सभा को संबोधन के दौरान कही। कहा कि यज्ञ समाज को एकता के सूत्र में बांधता है। पर्यावरण शुद्धीकरण को लेकर यह समय की मांग बन गई है
स्वामी जी ने कहा कि आदि काल से भारत शांति का पुजारी रहा है और पूरे देश विश्व को शांति का संदेश देता रहा है। लेकिन विश्व का कोई देश हमें कायर समझने की भूल नहीं करें और ना ही हमारी तरफ आंखें तरेर कर देखने की हिमाकत करें। 21वीं सदी के भारत से टकराने का मतलब ही है बर्बादी के अंतिम कगार पर पहुंचना। इसके लिए भारतीय सेनाओं को खुली छूट देने की जरूरत है। उन्होंने अमेरिकी नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत सरकार को उसके झांसे में आने की जरूरत नहीं है। चाइना और यह विश्व शांति के लिए खतरा बन गया है। चीन ने कोविड-19 के रूप में जो महामारी पैदा की। उसकी सजा प्रकृति ने दे दी है। वहां रोजाना हजारों लोग मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आवारागर्दी करने वाले असामाजिक तत्व बहू बहन बेटियों और महिलाओं को छेड़ने की कोशिश करे तो उसकी इज्जत की रक्षा के लिए बीच चौराहे पर ठोंक देने में कोई परहेज नहीं करें।
यज्ञ से फायदे ही फायदे: यज्ञ पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हवन सामग्रियों की आहुति से पर्यावरण शुद्ध होता है। अच्छी बारिश होती है। धन धान्य की वृद्धि होती है। समाज में सुख समृद्धि व शांति कायम होती है। मानव की आध्यात्मिक शक्तियां जागती हैं। आत्मबल बढ़ता है। सामाजिक सद्भाव, आपसी भाईचारा का वातावरण पैदा होता है। दुष्ट प्रवृत्तियों का नाश होता है।






