
JAMTARA: कच्चा रेशम बनाने के लिये रेशम में कीटों का पालन रेशम उत्पादन (Sericulture) या ‘रेशमकीट पालन’ कहलाता है। ग्रामीण क्षेत्र में ही कम लागत में इस उद्योग में शीघ्र उत्पादन प्रारम्भ किया जा सकता है। कृषि कार्य एवं अन्य घरेलू कार्यों के साथ-साथ इस उद्योग को अपनाया जा सकता है। पूर्व सोवियत संघ देशों से ज्यादा हो गया है, जो कभी प्रमुख रेशम उत्पादक हुआ करते थे।

रेशम उत्पादन के क्षेत्र में जामताड़ा की पहचान को बरकार बनाये रखने की जरूरत, रेशम उत्पादन से जुड़कर महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर। सखी मंडल की दीदीयों के द्वारा किये जा रहे कार्य सराहनीय, कहा और बेहतर तरीके से कार्य करने की जरूरत।















