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रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कोविड ​​-19 से निपटने के लिए रक्षा मंत्रालय की कार्य – योजना की समीक्षा की

उन्होंने सशस्त्र बलों, रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों एवं अन्य संगठनों से मुस्तैद रहने और नागरिक अधिकारियों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कोविड – 19 की स्थिति से निपटने के लिए रक्षा मंत्रालय की कार्य – योजना के बारे में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज यहां एक समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान,रक्षा मंत्री ने कोविड – 19 के संक्रमण से प्रभावित देशों में फंसे भारतीय नागरिकों के साथ – साथ विदेशी लोगों को बाहर निकाल लाने और विभिन्न क्वारंटाइन सुविधाकेन्द्रों पर उनकी समुचित देखभाल सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए सुरक्षा बलों एवं रक्षा मंत्रालय के विभिन्न विभागों की सराहना की। उन्होंने सशस्त्र बलों और अन्य विभागों से आग्रह किया कि वे अपनी तैयारियों को लेकर पूरी तरह मुस्तैद रहें और नागरिक प्रशासनको विभिन्न स्तरों पर सभी आवश्यक सहायता प्रदान करें।

बैठक में, अधिकारियों ने श्री राजनाथ सिंह को अब तक उठायेगये विभिन्न उपायों और सहायता के कदमों के बारे में जानकारी दी। भारतीय वायु सेना के विमानों ने कई उड़ानें भरी हैं और चीन, जापान एवं ईरान केसंक्रमण प्रभावित इलाकों से भारतीय नागरिकों को निकाल लिया है। सशस्त्र बलों के विभिन्न क्वारंटाइन सुविधाकेन्द्रों ने अब तक निकाल लाये गये 1,462 लोगों की देखभाल की है और 389 लोगों को छुट्टी दे दी है। फिलहाल,  कुल 1,073 व्यक्तियों को मानेसर, हिंडन, जैसलमेर, जोधपुर और मुंबई के क्वारंटाइन सुविधाकेन्द्रों पर देखभाल की जा रही है। कुल 950 बिस्तरों की क्षमता के साथ अतिरिक्त क्वारंटाइन सुविधा केंद्र स्टैंडबाय पर हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशालाओं ने 20,000 लीटर सैनेटाइज़र का उत्पादन किया है और दिल्ली पुलिस समेत विभिन्न संगठनों को इसकी आपूर्ति की है। दिल्ली पुलिस को 10,000 लीटर सैनेटाइज़र की आपूर्ति की गयी है। डीआरडीओ ने दिल्ली पुलिस के पुलिसकर्मियों को 10,000 मास्क की आपूर्ति भी की है। यह संगठन बॉडी सूट जैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और वेंटिलेटर के उत्पादन के लिए कुछ निजी कंपनियों के साथ तालमेल कर रहा है। आयुध कारखाना बोर्ड ने भी सैनेटाइज़र, मास्क और बॉडी सूट के उत्पादन में वृद्धि की है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड भी वेंटिलेटर के उत्पादन में लगी हुई है। मालदीव में तैनात सेना की मेडिकल टीमें अपने मिशन को पूरा कर लौट चुकी हैं। सेना की मेडिकल टीमें और नौसेना के दो जहाज पड़ोस के मित्र देशों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए स्टैंडबाय पर हैं। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, नौ सेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह,  वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवाने, सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री राज कुमार, सचिव (भूतपूर्व सैनिक कल्याण) श्रीमती संजीवनी कुट्टी और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव एवं डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी शामिल हुए।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने कोविड-19 पर स्टार्टअप के जरिये तकनीकी मैपिंग के लिए टॉस्कफोर्स का गठन किया

टास्क फोर्स डॉयग्नोस्टिक, टेस्टिंग, स्वास्थ्य देखभाल संबंधी तकनीक व उपकरण मुहैया कराने को लेकर बाजार आधारित समाधान की दिशा में काम करेगा
विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग (डीएसटी) कोरोना वायरस से संबंधित मसलों से निपटने के लिए उपयुक्त तकनीकी विकसित करने और भारत में निर्माण के लिए एक प्रयास का समन्वय कर रहा है। साथ ही नए और विकसित किए सॉल्यूसंस अधिक प्रासंगिक हैं ताकि देश को कोविड-19 महामारी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के लिए तैयार किया जा सके।डीएसटी ने शोध एवं विकास प्रयोगशालाओं, अकादमिक संस्थाओं, स्टॉर्टअप्स और एमएसएमई को मिलाकर से एक कोविड-19 टास्क फोर्स का गठन किया है जिससे डॉयग्नोस्टिक, टेस्टिंग, स्वास्थ्य देखभाल संबंधी तकनीक व उपकरण मुहैया कराने को लेकर बाजार आधारित सॉल्यूसंस प्रदान किये जा सके।इनमें मास्क और अन्य सुरक्षात्मक सामाग्री शामिल हैं। मसलन इसमें सैनिटाइजर, स्क्रीनिंग के लिए किफायती किट्स, वेंटीलेटर और ऑक्सिजनेटर, ट्रैकिंग और निगरानी के लिए डेटा एनालिटिक्स, और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट आधारित समाधान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विकसित करना शामिल है।टास्क फोर्स में डीएसटी, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), स्टार्टअप इंडिया और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के प्रतिनिधि शामिल हैं। टास्क फोर्स सबसे तेज तर्रार स्टार्टअप्स की पहचान करने के लिए है, जिन्हें वित्तीय या अन्य मदद की आवश्यकता हो सकती है या तेजी से बड़े पैमाने पर मांग या संपर्क करने की आवश्यकता होगी, उन्हें टास्क फोर्स मदद मुहैया कराएगी।संबंधित मंत्रालयों और विभागों के नोडल अधिकारियों से कोविड-19 के किसी भी महत्वपूर्ण पहलू के लिए प्रौद्योगिकी समाधान रखने वाले स्टार्टअप्स और उनके द्वारा समर्थित अन्य संस्थाओं से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया को व्यक्तिगत रूप से तेज करने का अनुरोध किया गया है।तेजी से विकास, विनिर्माण और प्रासंगिक प्रौद्योगिकी विकल्पों को लेकर इस्तेमाल किए जा रहे तंत्र के हिस्से के रूप में, डीएसटी ने पहले ही दो अलग-अलग प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं, जिनमें क्रमशः विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) एवं प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) के तहत हैं। इससे नए और मौजूदा समाधान दोनों के वैज्ञानिक समाधान और वाणिज्यिक विनिर्माण की दिशा में मदद मुहैया कराई जा सकती है।