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मिहिजाम में ७५ वर्षीय वृद्ध ने युवक पर फेंका तेजाब!


BHARATTV.NEWS: मिहिजाम: मिहिजाम थाना क्षेत्र के कुशवेदिया गांव में विमल गोराई नमक युवक पर ७५ वर्षीय वृद्ध दीपेन चक्रवर्ती पर एसिड से घायल करने का आरोप लगा है। पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। मामला जमींन विवाद का बताया जा रहा है। खेत में काम करने के दौरान मारपीट के बाद घटना को अंजाम दिया गया। घटना शुक्रवार की है। बिमल को इलाज हेतु जामताड़ा भेजा गया है। पुलिस ने भा द वि की धारा 326 ए के तहत मामला दर्ज किया है।

विदित हो कि १८ जून २०१४ को चित्तरंजन स्टेशन पर मंगलवार की देर शाम एक महिला के चेहरे पर एक युवक ने तेजाब फेंककर गंभीर रूप से घ्याल कर दिया था। जिसे स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में उसे कस्तूरबा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि उसके चेहरे से स्कीन की परत उखड़ गई थी। तेजाब फेंकने वाले का युवक का नाम रिपन चंद्र था। उक्त महिला सियालह-बलिया ट्रेन से आ रही थी।
वह जैसे ही चित्तरंजन स्टेशन पर उतरी कि उसी ट्रेन से आ रहे एक युवक ने उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया और तेजी से फरार हो गया। महिला कोलकाता से आ रही थी और रूपनारायणपुर जा रही थी।

एसिड की बिक्री पर कानून


एसिड की बिक्री के संबंध में एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल ने पीआईएल दाखिल करते हुए इसकी बिक्री को लेकर सख्त कानून की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने एसिड की बिक्री के लिए गाइडलाइन जारी की थीं,

  1. एसिड की बिक्री उसी दशा में होगी जब विक्रेता खरीददार के संबंध में सारी जानकारी एक रिकॉर्ड में दर्ज़ करेगा। इसमें खरीददार की जानकारी और बेंचे गए एसिड की मात्रा जैसी जानकारियाँ शामिल हैं।
  2. विक्रेता उसी दशा में एसिड की बिक्री करेगा जब खरीददार खुद उसके सामने हो। इसी के साथ खरीददार को एक फोटोयुक्त आईडी कार्ड भी प्रस्तुत करना होगा, जिसमें उसका पता अंकित हो, इसी के साथ उसे एसिड खरीदने का कारण भी स्पष्ट करना होगा।
  3. विक्रेता को भी एसिड स्टॉक के संबंध में जानकारी 15 दिनों के भीतर ही एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी। स्टॉक की जानकारी में गड़बड़ी पाये जाने पर विक्रेता पर 50 हज़ार रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है।
  4. विक्रेता द्वारा किसी नाबालिग को एसिड की बिक्री करना गैर-कानूनी है।

इन सभी नियमों में से किसी भी नियम की अनदेखी करने पर जिम्मेदार के ऊपर 50 हज़ार रुपये का जुर्माना लग सकता है। कोर्ट के नियमों के अनुसार स्कूल और कॉलेज की प्रयोगशालाओं में इस्तेमाल होने वाले एसिड के संबंध में स्कूल/कॉलेज प्रशासन को एसडीएम को जानकारी उपलब्ध कराते हुए सभी नियमों का पालन करना होगा।

अन्य देशों में भी हैं कड़े कानून

एसिड अटैक पर कानून लाने वाला बांग्लादेश पहला देश था। बांग्लादेश ने इस संबंध में 2002 में कानून पारित किया था। इस कानून के तहत आरोपी को आजीवन कारावास का भी प्रावधान है। पाकिस्तान ने भी एसिड अटैक के संबंध में कड़े कानून देश में जारी कर रखे हैं। पाकिस्तान में एसिड अटैक के दोषियों के लिए 10 साल की सजा और 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

गौरतलब है कि भारत में लक्ष्मी अग्रवाल के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद देश में अनाधिकृत रूप से एसिड की बिक्री पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकी है।