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महाकुम्भ में धनबाद सांसद धूलू महतो का पवित्र स्नान झारखंड वासियों की समृद्धि के लिए की प्रार्थना

मकर संक्रांति पर गंगा नदी में पवित्र स्नान करते श्रद्धालु, डुबकी लगाते समय ईश्वर से कुछ न मांगने की धार्मिक परंपरा।"

ओम शर्मा, धनबाद :आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम ‘महाकुम्भ’ का आज से संगम तट प्रयागराज में शुभारंभ हो गया है। इस विशेष अवसर पर धनबाद सांसद धूलू महतो ने भी पवित्र स्नान किया और पूरे झारखंड वासियों की समृद्धि के लिए भगवान से आशीर्वाद की प्रार्थना की।

सांसद महतो ने बताया वह इस अवसर पर साध्वी सरस्वती जी के सानिध्य में मौजूद हैं और महाकुम्भ के इस धार्मिक पर्व में अपनी उपस्थिति से धनबाद लोकसभा समेत पूरे झारखंड के लिए समृद्धि और खुशहाली की कामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुम्भ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक उत्सव है, जो करोड़ों श्रद्धालुओं को एक साथ लाता है।

महाकुम्भ का आयोजन हर 12 वर्षों में होता है और यह प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित किया जाता है। यह पर्व पूरी दुनिया के हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें श्रद्धालु स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं।

मकर संक्रांति पर गंगा नदी में पवित्र स्नान करते श्रद्धालु, डुबकी लगाते समय ईश्वर से कुछ न मांगने की धार्मिक परंपरा।"
मकर संक्रांति पर गंगा नदी में पवित्र स्नान करते श्रद्धालु, डुबकी लगाते समय ईश्वर से कुछ न मांगने की धार्मिक परंपरा।”

इस पवित्र अवसर पर सांसद धूलू महतो ने कहा कि वह इस शुभ अवसर पर विशेष रूप से अपने क्षेत्र धनबाद और पूरे राज्य झारखंड के लोगों के लिए सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्रार्थना करेंगे। उन्होंने इसे न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बताया।

सांसद धूलू महतो ने महाकुम्भ के धार्मिक महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि यह पर्व न केवल व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र की समृद्धि की ओर भी मार्गदर्शन करता है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि महाकुम्भ का आयोजन एक महान अवसर है, जो हम सभी को शुद्धता, समर्पण और भाईचारे का संदेश देता है।

महाकुम्भ में देशभर से लाखों श्रद्धालु संगम तट पर पहुंचते हैं और पवित्र स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करने की आशा रखते हैं। इस मौके पर विशेष रूप से साध्वी सरस्वती जी जैसे संतों के सानिध्य में श्रद्धालुओं का समागम होता है, जो उन्हें आध्यात्मिक मार्गदर्शन और प्रेरणा प्रदान करते हैं।

सांसद महतो ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य महाकुम्भ के इस आयोजन के माध्यम से झारखंड के लोगों को जागरूक करना और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना है। इस धार्मिक उत्सव के जरिए वह झारखंड के विकास के लिए भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे, ताकि राज्य में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास हो सके।

उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे इस महापर्व में भाग लेकर आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में कदम बढ़ाएं और समाज में शांति, समृद्धि और सद्भावना का वातावरण बनाएं। महाकुम्भ का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक धरोहर को भी मजबूती प्रदान करता है।

सांसद महतो ने कहा कि उनका यह प्रयास है कि वे महाकुम्भ जैसे ऐतिहासिक अवसर का सदुपयोग करते हुए झारखंड राज्य और विशेष रूप से धनबाद लोकसभा क्षेत्र के लोगों की भलाई के लिए कार्य करें। उन्होंने महाकुम्भ के आयोजन को एक महान अवसर बताया, जो न केवल व्यक्ति की आत्मा को शुद्ध करता है, बल्कि समाज और देश को भी समृद्धि की ओर अग्रसर करता है।