खुद को अनाथ व भाईयों को निःशक्त बता पर्ची दिखाकर मांग रहा था भीख
सीडब्ल्यूसी ने अंतिम चेतावनी देकर बालक को माता-पिता के हवाले किया
BHARATTV.NEWS, DUMKA: एक पर्ची के माध्यम से खुद को अनाथ व भाईयों के निःशक्त होने का हवाला देकर लोगों से भीख मांग रहा 12 वर्षीय बालक एक दिन तक गूंगा बना रहा। लंबे काउनसेलिंग में उसने लिखकर अपने पिता का मोबाइल नंबर बताया। चाइल्डलाइन दुमका की सूचना पर जब उसके माता-पिता दुमका पहुंचे तो वह बोलने लगा। यह बालक न तो गूंगा है और न ही उसका कोई भाई निःशक्त है। पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिला के बाराबनी थाना क्षेत्र के रहनेवाले इस 12 वर्षीय बालक को चाइल्डलाइन दुमका के टीम मेंबर अनिल कुमार साह ने शनिवार को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार और सदस्य डॉ राज कुमार उपाध्याय ने बालक और उसके माता पिता का बयान दर्ज किया। अपने बयान में बालक के पिता ने बताया कि उसके चार बेटे हैं। उसकी पत्नी प्लास्टिक के फूल बनाती है और वह इसे बेचने का काम करता है। बालक ने बताया कि वह चौथी कक्षा तक पढ़ा है। उसने एक रुपये की दर से बाराबनी में ही यह पर्ची खरीदी है जिसे दिखा कर और खुद को गुंगा बता कर वह लोगों से भीख मांगता है जिससे प्रतिदिन करीब 300 रुपये हो जाते हैं जिसे वह अपने पिता को दे देता है। वह भीख मांगना नहीं चाहता है बल्कि पढ़ाई करना चाहता है।
चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि बालक के पास जो पर्ची मिली है उसके मुताबिक उसकी जीभ नहीं है, उसके दो अन्य भाई निःशक्त हैं और तीन बहनें भी हैं। पिता की मृत्यु हो गयी है और मां ने कुंए में कूदकर आत्महत्या कर ली है। पर्ची में बालक को काशी का रहनेवाला बताकर लोगों से 20, 50, 100 रुपये, कपड़ा, बर्तन, बहन की शादी के लिए सूट या साड़ी दानस्वरूप देने की अपील की गयी है। जबकि ये सारे तथ्य गलत पाये गये। उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि कोई बालक भीख मांगता हुए नजर आये तो इसकी सूचना चाइल्डलाइन के हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दें। बच्चों से भीख मंगवाना जेजे एक्ट की धारा 74 के मुताबिक गंभीर अपराध है जिसमें पांच साल की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों हो सकता है। बालक के माता-पिता ने अंडरटेकिंग दिया है कि वह भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं करेंगे। माता-पिता को अंतिम चेतावनी देते हुए बालक को उसके पास मिले 50 रुपयों के साथ उनके सुपुर्द कर दिया गया है। contact@bharattv.news














