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बिहार के विकास की नींव मजबूत करने के संकल्प के साथ दशरथ मांझी की विरासत को किया सलाम

दशरथ मांझी महोत्सव: उप मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने गहलौर में किया भव्य उद्घाटन

ओम प्रकाश शर्मा, गया (BHARATTV.NEWS) 17 अगस्त 2024: पर्वत पुरुष बाबा दशरथ मांझी महोत्सव का 17वां संस्करण मोहड़ा के गेहलौर में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में औरंगाबाद सांसद अभय कुशवाहा, बाराचट्टी और गुरुआ के विधायक, गया ज़िला परिषद अध्यक्ष, ज़िला पदाधिकारी, और वरीय पुलिस अधीक्षक की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।

समारोह की शुरुआत अतिथियों के स्वागत से हुई, जिसमें ज़िला पदाधिकारी गया ने पुष्प गुच्छ और प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। इसके साथ ही, दशरथ मांझी के पौत्र भगीरथ मांझी को विशेष सम्मान के रूप में पुष्प गुच्छ भेंट किया गया, जबकि केंद्रीय मंत्री ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर आदर व्यक्त किया।

दशरथ मांझी के संघर्ष की गाथा: उद्घाटन समारोह के दौरान, ज़िला पदाधिकारी गया ने दशरथ मांझी की विरासत को याद करते हुए बताया कि कैसे दशरथ मांझी ने 22 वर्षों के कठिन परिश्रम और अदम्य संकल्प से पहाड़ को काटकर एक सुगम मार्ग बना दिया। यह कार्य उन्होंने अपनी पत्नी की पीड़ा से प्रेरित होकर किया था, और आज उनका यह काम ना केवल बिहार बल्कि पूरे विश्व में एक प्रेरणा स्रोत बन चुका है।

केंद्रीय मंत्री का भाषण: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपने भाषण में बिहार के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज के बजाय बजट में किए गए प्रावधानों से बिहार को लगभग पांच लाख करोड़ रुपये का लाभ मिलने की उम्मीद है। उन्होंने गया जिले के विकास की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विष्णुपद और बोधगया में कॉरिडोर की मंजूरी से क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। इसके अलावा, गया को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने के लिए कई परियोजनाओं की योजना भी बनाई जा रही है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उन्हें दूसरे राज्यों में पलायन नहीं करना पड़ेगा।

उप मुख्यमंत्री का संबोधन: उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दशरथ मांझी के संघर्ष और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी कर्मठता और श्रम से पहचान बनाई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिहार में विकास की नींव को और मजबूत करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।

मंत्री डॉ० प्रेम कुमार का वक्तव्य: मंत्री डॉ० प्रेम कुमार ने अपने भाषण में दशरथ मांझी के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह उन्होंने अपने संकल्प और धुन के बल पर पहाड़ को चीरकर रास्ता बना दिया। उन्होंने कहा कि दशरथ मांझी की कहानी आज भी प्रेरणा का स्रोत है और उनके संघर्ष की गाथा पर बनी फिल्में उनकी अदम्य साहस को दर्शाती हैं।

विधायकों की मांग: कार्यक्रम के दौरान औरंगाबाद सांसद अभय कुशवाहा और गुरुआ विधायक विनय यादव ने दशरथ मांझी के सम्मान में उनके स्मारक स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की।

समापन: महोत्सव का समापन दशरथ मांझी की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए किया गया, जिसमें सभी अतिथियों और दर्शकों ने उनके संघर्षशील जीवन को नमन किया। यह महोत्सव दशरथ मांझी की विरासत को जीवित रखने और उनकी प्रेरणादायक गाथा को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ।